करसोग। देश-विदेश के कृषि विश्वविद्यालयों से लेकर खेत-खलिहानों तक आजकल सुभाष पालेकर की चर्चा होती है। कुछ साल पहले कोई यह सोच नहीं सकता था कि बाजार से बिना कोई सामान खरीदे और बिना लागत के भी किसान अपनी खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। यह प्राकृतिक खेती से सम्भव हुआ है। इसी कड़ी किसानों को खुशहाल बनाने के लिए सरकार प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाने पर जोर दे रही है।
इसी कड़ी में ग्राम पंचायत बलिन्डी के तहत अलसिंडी में एक दिवसीय कृषि शिविर लगाया गया। जिसमें किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के टिप्स दिए गए। जिसमें जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत, अग्नि अस्त्र आदि तैयार करने की विधि बताई ।
इस दौरान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर भीम सिंह ने किसानों को प्राकृतिक खेती से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती एक ऐसा व्यवसाय है जिस पर किसान को नाम मात्र का पैसा खर्च करना पड़ता है और जिसमें फायदे ही फायदे हैं क्योंकि प्राकृतिक खेती से तैयार की गई फसल गुणवत्तापूर्ण होने साथ-साथ किसानों को बेहतरीन दाम उपलब्ध करवाती है। किसानों एवं बागवानों को प्रोत्साहित एवं जागरूक करने के उद्देश्य से गांव-गांव में इस तरह के जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं।
वहीं, सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के बारे में अधिक जानकारी देते हुए प्राकृतिक खेती के पदाधिकारी अंकित भंडारी और अपर्णा ने किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती आय बढ़ाने की एक अच्छी तकनीक है। किसान घर पर उपलब्ध संसाधनों से घोल तैयार कर बहुत कम लागत में काफी अधिक मुनाफा कमा सकता है। आज हजारों किसान रासायनिक खेती को छोड़कर सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती से जुड़ रहे हैं।
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