पूरे प्रदेश में 27 जून से जिला परिषद अधिकारी और कर्मचारी अपनी मांगों के लिए अनिश्चितकालीन कलम छोड़ो हड़ताल पर हैं। यह अधिकारी एवं कर्मचारी सरकार से इन्हें ग्रामीण विकास या पंचायत राज विभाग में विलय करनी की मांग उठा रहे हैं। इस विषय पर विकास खंड वाली चौकी जिला मंडी के अंतर्गत ग्राम पंचायत किंग के उपप्रधान केसर सिंह ठाकुर ने इनकी मांगों का जोरदार समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मांग बिल्कुल सही और जायज है। सरकार को इनकी मांग को अतिशीघ्र पूरा करना चाहिए। क्योंकि जनकल्याण योजनाओं धरातल पर उतरने के लिए पंचायत सचिवों व तकनीकी सहायकों का बहुत बड़ा योगदान रहता है। अचानक इनके हड़ताल पर जाने से सभी पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़े हैं। जिससे ग्रामीण वासियों को मुश्किलों का सामना कर्ण पड रहा है। मनरेगा के अंतर्गत कार्य बंद होने से लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। पंचायतों के माध्यम से विभिन्न आवश्यक प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं।
पंचायत सचिवों के हड़ताल पर जाने से लोगों को विभिन्न विभागों में होने वाली भर्तियों की प्रक्रिया के लिए जरूरी प्रमाण पत्र नही मिल पा रहे हैं। प्रमाण पत्र मिले बिना युवाओं को निराशा हाथ लग रही है और उनके सरकारी नौकरी की प्रक्रिया के लिए जरूरी प्रमाण पत्र बिना सारे कार्य अधूरे अटक चुके हैं। लोगों में सरकार के प्रति भी बहुत आक्रोश बना हुआ है कि पंचायत सचिवों की जरूरी मांगों को तुरंत सुना जाए और पंचायतों में अटके अधूरे कामों में गति लाई जाए।
केसर सिंह ठाकुर ने कहा कि अपनी मांग के लिए कर्मचारी कई बार सरकार से मिल चुके हैं। लेकिन सरकार द्वारा इनकी जायज मांगों को हर बार नजर अंदाज किया किया जा रहा है। इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार कर्मचारी विरोधी नीति न अपनाएं। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों को जल्द पूरा नहीं किया तो सभी पंचायत प्रतिनिधियों एवं समस्त जनता सरकार के खिलाफ सड़कों में उतर कर आंदोलन के लिए उत्तर सकती है।