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मंडी: 10 जून को हवाई अड्डे के विरोध में दो घंटे खेतों में काम करते हुए विरोध जताएंगे किसान

बीरबल शर्मा |

मंडी के बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने अपनी वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि दस जून को सुबह 10 बजे से 12 बजे दोपहर तक किसान अपने खेतों में काम करते हुए प्रस्तावित बल्ह हवाई अड्डे का विरोध करेंगे। इसके बाद कोरोना के खत्म होते ही आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इस सारे आंदोलन की जिम्मेवार प्रदेश सरकार औऱ मुख्यमंत्री होंगे। मंगलवार को समिति के अध्यक्ष जोगिंदरवालिया की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक में बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति का आरोप है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, बल्ह कि उपजाऊ जमीन को कोढियों के भाव में भूमि अधिग्रहण करते हुए अब घरेलू उड़ान  के लिए ही हवाई अड्डा बनाने कि जिद्द पर अड़े हैं। इसके लिये वे पिछले कल दिल्ली में डेरा डाल कर केंद्रीय नागरिक और शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप पूरी से हवाई अड्डे के अति शीघ्र शुरू करवाने हेतु याचना कर चुके है।

बिना किसानों कि बात सुने हुए एकतरफा फैसला ले रहे है जबकि बल्ह के किसान पिछले 3 साल से लगातार सरकार और राज्य सरकार को इसका स्थान दूसरी जगह बदलने कि मांग करते आ रहे क्योंकि प्रस्तावित हवाई अड्डे से 2000  किसान परिवारों  का विस्थापन, 400 करोड़ का कृषि उत्पादन व सिंचाई व्यवस्था,पीने के पानी, 2500 मकान, हजारों पेड़, कृषि-उद्योग, तीन नदियां, संपर्क मार्ग, व्यापारिक व शिक्षण संस्थान,कृषि मशीनरी सब खत्म हो जाएगे।
 
समिति की मांग है कि इस हवाई अड्डे को किसी दूसरी जगह पर बनाया जाए जहां पर सरकारी जमीन उपलब्ध है और उपजाऊ जमीन नहीं है। समिति का कहना है कि अधिकतर किसान प्रस्तावित हवाई अड्डे की वजह से भूमिहीन और विस्थापित हो जायेंगे और बल्ह क्षेत्र का नोमिनेशन ही मिट जायेगा। बल्ह कि जनता जो नकदी फसलें उगा कर जीवन चला रही है उन्हें बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ेगा वह पूरी तरह से तबाह हो जायेंगे ।