मंडी के नेरचौक मेडिकल कॉलेज में उस समय अव्यवस्था का आलम देखने को मिला, जब कंपनी और कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के चलते युवतियों ने हंगामा किया। लिखित परीक्षा देने पहुंची हजारों युवतियों ने धरना दिया और कॉलेज प्रशासन तथा कंपनी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। मौके पर माहौल काफी गरमा गया और बाद में कॉलेज के एमएस ने दोबारा इंटरव्यू लेने की बात कही और मामला शांत हुआ।
क्या है मामला…??
दरअसल, नेरचौक मेडिकल क़ॉलेज में बुधवार को एक कंपनी(केंद्र सरकार के उपक्रम एचएलएल) के माध्यम से 430 ट्रेंड नर्सिस के लिए परीक्षा मांगी थी। परीक्षा देने के लिए क़रीब 2200 युवतियां पहुंची थीं, लेकिन सिर्फ 600 युवतियों की ही परीक्षा ली गई। कॉलेज प्रशासन और कंपनी की ओर से कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई थी, जिसके चलते केवल 600 युवतियां ही पेपर दे पाईं। यहां तक कि प्रश्न पुस्तिकाएं भी प्राप्त मात्रा में नहीं थी, जिसके चलते मौके पर अव्यवस्था का आलम देखने को मिला। जब इस बात का पता बाकी युवतियों को लगा तो वे भड़क गईं और विरोध करने लगी।
बाकी युवतियों ने बकायदा कॉलेज प्रशासन और कंपनी के खिलाफ विरोध जताया और मौके पर माहौल काफी गर्मा गया। युवतियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी और कॉलेज प्रशासन उनके साथ नाइंसाफी कर रहा है। सुबह से हजारों युवतियों भूख-प्यास भूल कर ठंड में अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं, लेकिन अब सिर्फ कुछ ही युवतियों का इंटरव्यू लिया गया, जो कि सरासर ग़लत है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी प्रबंधन का कहना था कि शिफ्ट वाइज परीक्षा ली जानी थी। जबकि इस बात का पहले युवतियों को नहीं बताया गया था। बाद में कॉलेज के एमएस डॉ. देवेंद्र ने मामले को संभालते हुए कहा कि कंपनी की ओर से वीरवार को भी साक्षात्कार लिए जाएंगे।