➤हिमाचल में कई जिलों में लगातार भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं
➤कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में रेड अलर्ट, 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी
➤मानसून सीजन में अब तक 74 मौतें, 37 लोग लापता
समाचार फर्स्ट टीम
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में प्राकृतिक आपदा एक बार फिर लोगों के लिए मुसीबत बनकर टूटी। चौहारघाटी सिल्हबुधानी के कोरतंग गांव में देर रात अचानक बादल फटने की घटना हुई, जिससे इलाके में भारी मलबा और पानी का बहाव दर्ज किया गया। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस बार किसी व्यक्ति की जान का नुकसान नहीं हुआ। सोमवार रात ही मंडी के अलग-अलग हिस्सों में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी, जिससे लोगों में अब भी दहशत का माहौल है।
इसी बीच मौसम विभाग ने राज्य में फिर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया है, जहां अगले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा सात जिलों – ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला और सोलन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यह अलर्ट आगामी बारिश के चलते भूस्खलन, नदियों का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ जैसी आपदाओं की चेतावनी देता है।
विशेष रूप से कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ संवेदनशील इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने सभी जिलों के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को अलर्ट मोड पर रखा है और आम जनता से अपील की है कि वे नदियों-नालों के पास न जाएं तथा मौसम से जुड़ी ताजा जानकारियों पर नजर बनाए रखें। यह मानसूनी सीजन हिमाचल के लिए लगातार चुनौतियां लेकर आ रहा है और लोगों से सतर्कता बरतने को कहा गया है।
हिमाचल प्रदेश एक बार फिर भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। प्रदेश के कई जिलों में बीती रात से लगातार तेज बारिश जारी है। मौसम विभाग ने आज के लिए बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जो विशेष रूप से कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में लागू है। चेतावनी के मुताबिक आज दोपहर से लेकर देर रात तक भारी बारिश के दो स्पेल पड़ सकते हैं।
इसके अलावा ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, शिमला, सोलन और कुल्लू जिलों में आज ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में भी भारी बारिश, जलभराव, लैंडस्लाइड, बाढ़ और पेड़ों के गिरने की आशंका व्यक्त की गई है। लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर बाकी सभी 10 जिलों के लिए लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने की अपील की गई है।
मौसम वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने जानकारी दी कि आज दोपहर बाद एक बार फिर तेज बारिश का दौर शुरू हो सकता है। इसके बाद देर रात एक और भारी बारिश का स्पेल प्रदेश के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। मौसम विभाग ने कल भी लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर सभी जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 8 जुलाई को 5 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और अन्य जिलों में यलो अलर्ट की चेतावनी दी है।
इस साल का मानसून सीजन हिमाचल के लिए अब तक भारी तबाही लेकर आया है। 20 जून से 5 जुलाई तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों में 1 लैंडस्लाइड, 8 फ्लैश फ्लड, 14 बादल फटने, 8 डूबने, 1 आग, 2 स्नेक बाइट, 4 बिजली करंट, 6 ऊंचाई से गिरने और 3 अन्य कारण शामिल हैं। इसके अलावा 27 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई और अब भी 37 लोग लापता हैं।
मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। 30 जून की रात मंडी के सराज, धर्मपुर, नाचन और करसोग विधानसभा क्षेत्रों में एक ही रात 15 जगह बादल फटे, जिनमें से 10 घटनाएं अकेले सराज विधानसभा क्षेत्र में हुईं। यहां 20 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं।
किसी का घर टूट गया, किसी के पशु बाढ़ में बह गए, कई परिवारों की खेती और बागीचों को नुकसान पहुंचा। इस त्रासदी में मंडी में अब तक 14 लोगों के शव बरामद हुए हैं, जबकि 32 लोग लापता हैं। भारतीय सेना और प्रशासन की टीम लगातार राहत और बचाव अभियान में जुटी हैं। सेना प्रभावित गांवों में राशन पहुंचाने का कार्य भी कर रही है, क्योंकि अधिकांश सड़कें और रास्ते कट गए हैं।
प्रदेश भर में प्रशासन ने डीसी स्तर पर निगरानी टीमें गठित कर दी हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम की चेतावनी का पालन करें, अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला सहित अनेक जिलों में आई आपदा के बाद भाजपा राहत सामग्री पहुचाने में जुटी है। सोलन भाजपा द्वारा सोलन से कम्बलों व तिरपाल की दूसरी गाड़ी करसोग के लिए भेजी गई है ताकि पीड़ित मानवता की सेवा इस आपात स्तिथि में हो सके। स्थानीय भाजपा नेता एवं भाजपा प्रदेश कार्यकरिणी सदस्य राजेश कश्यप ने बताया कि आपदा के बाद भाजपा राहत सामग्री पहुचा रही है। उन्होंने कहा कि कम्बल व तिरपाल की दूसरी गाड़ी करसोग के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही राशन किट की एक गाड़ी भी भेजी जाएगी। ताकि कोई भूखा ना रह सके
मंडी में राहत कार्य तेज, 250 जवान और 2 हेलीकॉप्टर तैनात
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में लगातार जारी प्राकृतिक आपदा और मानसून की तबाही के बीच प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य को और तेज कर दिया है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने थुनाग में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशों पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत व पुनर्वास कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 250 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जवानों को तैनात किया गया है, जो लगातार फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने, मलबा हटाने और जरूरी राहत सामग्री वितरित करने में लगे हुए हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने 2 हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं, जो दुर्गम इलाकों में राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं और जहां सड़कें बंद हैं वहां से लोगों को निकालने के प्रयास कर रहे हैं।
बगस्याड से थुनाग तक सड़क खोलने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है और इसे शीघ्र ही यातायात के लिए बहाल कर दिया जाएगा। वहीं जंजैहली क्षेत्र को जोड़ने वाली करसोग, गाड़ागुसैणी और थुनाग की ओर जाने वाली सड़कें अब भी बंद हैं, जिन्हें खोलने के लिए युद्धस्तर पर मशीनरी तैनात की गई है।
राशन और अन्य जरूरी सामान आज पैदल पीठ पर लादकर जंजैहली गांव तक पहुंचाया गया। वहां फंसे पर्यटकों को निकालने के प्रयास जारी हैं। प्रभावित इलाकों में दूरसंचार सेवाएं बाधित हैं, ऐसे में वायरलेस सेट के माध्यम से संपर्क बनाए रखा जा रहा है।
राहत और पुनर्वास कार्य के लिए स्थानीय कर्मचारियों, स्वयंसेवकों और जिला से बाहर से आए अधिकारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। उपायुक्त ने लोगों से संपूर्ण सहयोग की अपील की है ताकि इस कठिन समय में जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाई जा सके। प्रशासन का प्रयास है कि सभी प्रभावित परिवारों को समय पर राहत सामग्री, दवाइयां और सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराया जाए।दविंदर भुट्टो ने निजी खर्च से 40 राशन किटें भेजीं मंडी आपदा पीड़ितों के लिए
हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस कठिन समय में राहत कार्यों में जहां सरकारी एजेंसियां, सेना और प्रशासन जुटे हैं, वहीं सामाजिक व राजनीतिक संगठन भी पीछे नहीं हैं। ऐसी ही एक मिसाल पेश की है कुटलैहड़ भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक दविंदर कुमार भुट्टो ने, जिन्होंने अपनी निजी आय से 40 राशन किटें मंडी के आपदा पीड़ितों तक भेजीं।
दविंदर भुट्टो ने कहा कि यह वक्त राजनीति से ऊपर उठकर मानवता के नाते जरूरतमंदों की मदद करने का है। उन्होंने प्रदेश के सभी सक्षम नागरिकों और समाज के प्रत्येक वर्ग से आग्रह किया कि वे आगे आएं और आपदा प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाएं। उनके मुताबिक, यह केवल शुरुआत है, और कुटलैहड़ क्षेत्र से जल्द ही राशन किटों का आंकड़ा 200 से पार होगा।
भुट्टो ने बताया कि भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने हजारों लोगों की आजीविका छीन ली है, कई परिवारों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है, और सैकड़ों लोग अब भी सहायता के इंतजार में हैं। भाजपा नेतृत्व द्वारा प्रदेश भर में चलाए जा रहे ‘सेवा ही संगठन’ अभियान के तहत भी राहत सामग्री एकत्र की जा रही है।
कुटलैहड़ भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेंद्र मलांगड़ ने जानकारी दी कि मंडल की ओर से 66 राशन किटें और अन्य जरूरी सामग्री तैयार की गईं, जिनमें आटा, चावल, दालें, तेल, चीनी, चायपत्ती, नमक और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। इन किटों को भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन गांवों में पहुंचाया, जहां अब तक सरकारी राहत सीमित मात्रा में ही पहुंच पाई थी। इस पहल में महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भी सहयोग किया।
भुट्टो ने कहा कि जब उन्होंने मंडी की तस्वीरें देखीं तो उनका मन व्यथित हो गया और उन्होंने तय किया कि इस बार व्यक्तिगत स्तर पर भी योगदान देंगे। उनके अनुसार, व्यक्तिगत सहयोग समाज में भावनात्मक जुड़ाव पैदा करता है, जो आपदा के समय सबसे ज्यादा जरूरी होता है।
इस अभियान के बाद स्थानीय व्यापारियों, समाजसेवियों और संगठनों ने भी राहत सामग्री एकत्र करना शुरू कर दिया है। भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष ने कहा कि महिलाएं आपदा राहत कार्य में अहम भूमिका निभा रही हैं, क्योंकि वे परिवार की प्राथमिक आवश्यकताओं को बेहतर समझती हैं।
भुट्टो ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे सरकारी मदद पर ही निर्भर न रहें और अपने संसाधनों से भी सहयोग करें। उन्होंने कहा कि जब कोई आपदा आती है तो उसका असर हर वर्ग पर पड़ता है, ऐसे में हमें जाति, धर्म और राजनीति से ऊपर उठकर केवल इंसानियत के नाते मदद करनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री बोले – यह दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में आई भीषण आपदा ने इलाके को गहरे दर्द और शोक में डुबो दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि त्रासदी ने हमारी दशकों की मेहनत को कुछ सेकंड में ही तहस–नहस कर दिया।
जयराम ठाकुर ने लिखा कि इस आपदा ने न सिर्फ लोगों की संपत्ति और रोज़गार छीने हैं बल्कि कई परिवारों से उनके अपने भी छीन लिए हैं। उन्होंने कहा कि सराज का हर गांव, हर परिवार आज दर्द में डूबा हुआ है, और यह दुःख शब्दों में व्यक्त करना कठिन है। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों को हिम्मत बनाए रखने का आग्रह किया।
जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि इस कठिन समय में सभी को संबल दे और हम सब एकजुट होकर हर प्रभावित परिवार तक सहायता पहुंचा सकें। उन्होंने प्रदेशवासियों और प्रशासन से भी अपील की कि हरसंभव सहायता में कोई कसर न छोड़ी जाए, क्योंकि इस त्रासदी का घाव बहुत गहरा है।



