हिमाचल

धर्माणी की कर्मचारी नेताओ को नसीहत, ना करें उल्टी सीधी बयानबाजी,अपनी जिम्मेवारी को निभाए

डीए और एरियर को लेकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। और सरकार से जल्द डीए और एरियर की मांग कर रहे हैं वहीं मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारी नेताओं को उल्टी सीधी बयान बाजी न करने की नसीहत दी है। यही नहीं राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों को कहा कि उन्हें जो उन्हें वित्तिय लाभ मिल रहे हैं वह आगे भी मिलते रहे तो उसके लिए उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना पड़ेगा। वहीं मानसून सत्र को लेकर उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में यह सत्र नाम का ही होता हैं लेकिन हिमाचल में इस सत्र में 35 बैठकें होती है साथ ही उन्होंने भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों का भी जमकर पलटवार किया।

राजेश धर्माणी ने कहा कि पूर्व सरकार ने प्रदेश को कर्ज के नीचे डुबो दिया है और कर्ज को उतारने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है । हिमाचल प्रदेश को आर्थिक संकट से उभरने के लिए कर्मचारी और विपक्ष को भी अपनी जिम्मेवारी निभानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो कर्मचारी को लाभ मिल रहे हैं अगर वह चाहते हैं कि वह मिलते रहे उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना पड़ेगा। अगर वह चाहते है कि उन पर भी कटौती लगे तो आन वाले दिनों में उसका सामना भी करना पड़ सकता है क्योंकि हर चीज पैसे से जुड़ी हुई है सरकार के पास कोई नोट छापने वाली मशीन तो नही है। कर्मचारी नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए उल्टी सीधी बयानबाजी न करें ताकि जिस जिम्मेवारी से सरकार संसाधन बढ़ाने में लगी है वह भी निभाए।

वहीं उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के साथ पहले भी अनुरोध किया है कि डीए तभी मिल पाएगा जब सरकार की वित्तीय स्थिति अच्छी रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पिछली सरकारों के पास एक विकल्प था कि वह ज्यादा से ज्यादा लोन ले सकते थे वर्तमान सरकार के पास वह विकल्प नहीं है सरकार की लोन की लिमिट 6000 करोड़ की है। इससे ज्यादा लोन नहीं लिया जा सकता है। इसलिए सरकार ने अपने संसाधन जुटाने के प्रयास कर रही है। पूर्व की सरकार ने संसाधन जुटाने का प्रयास नहीं किया बल्कि उन्हें लुटाने का प्रयास किया है।

वहीं मानसून सत्र को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से तैयार है। जो भी प्रश्न विधायकों द्वारा पूछे जाएंगे सरकार उनका तत्परता से ज़बाब देगी। वहीं मानसून सत्र इस बार 10 दिन का हो रहा है ताकि सभी सदस्य अपनी बात रखें। सरकार इस सत्र से बचने के लिए प्रयासरत नहीं थी बल्कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि विपक्ष को खुला मौका देंगे। दूसरे राज्यों में यह सत्र नाम का ही होता हैं लेकिन हिमाचल में इस सत्र में 35 बैठकें होती है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा सरकार पर फिजूलखर्ची को लेकर राजेश धर्माणी ने कहा कि उनके कार्यकाल में कितना खर्चा हुआ है उसका ब्योरा भी आने वाले सत्र में रखें। बेहतर यही रहेगा कि वह मानसून सत्र में इसको सभा पटल में रखें और उन्हें साथ साथ ज़बाब भी दिया जाएगा।

बीते दिन पूर्व मंत्री व विधायक बिक्रम ठाकुर द्वारा केंद्र सरकार से आए 200 करोड़ रुपए को सिर्फ नादौन विधानसभा क्षेत्र में खर्च करने का आरोप लगाया था जिसको लेकर मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि यह टेंडर भाजपा के समय हुआ था जिसे सरकार ने रिव्यू किया और तय खर्चे से 132 करोड़ तक पहुंचाया। ऐसे में सरकार ने एक ही टेंडर के तहत 68 करोड़ की बचत की है जिसके लिए उन्हें सरकार को शाबाशी देनी चाहिए।

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