हिमाचल की जयराम सरकार ने आज कई इलाकों में जनमंच कार्यक्रम रखा था। ऐसे में जब कांगड़ा के जयसिंहपुर इलाके में वन मंत्री जनमंच पर पहुंचे तो उनके सामने कई समस्याएं आई। मुख्य तौर पर उन्होंने एक समस्या को बाखूबी सुना और जल्द हल करने का आश्वासन भी दिया।
ये समस्या एक बच्ची रोती बिलखती हुई मंत्री महोदय के पास लेकर पहुंची। बच्ची ने कहा कि वे 2016 से घर के लिए आवेदन कर रही हैं और यह आवेदन कई बार किया जा चुका है। लेकिन अधिकारी हमारे परिवार की नहीं सुनते। क्योंकि इस बच्चे के सर से पिता का साया उठ गया है और कमाने वाला कोई नहीं है तो ऐसे में अकेली मां जो अपनी चार बच्चों को पाल रही और ऐसे में एक कमरे में गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा है। ऐ
बच्ची की समस्या को सुनने के बाद मंत्री महोदय ने सीधे-सीधे ही आदेश जारी कर दिए हैं कि 2 दिन के अंदर ही रिपोर्ट पेश की जाए। अगर 2 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश नहीं की गई तो उस बच्ची को मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह 1 सप्ताह के भीतर उनसे मिलेंगे। अब कहीं ना कहीं बच्चे के मन में आशा जगी है कि अब उसके सपनों का घर बन जाएगा। लेकिन अब देखना यह होगा कि क्या विकास खंड अधिकारी 2 दिन के भीतर उनकी बात सुनते हैं, मंत्री के सामने रिपोर्ट पेश करते हैं या फिर मंत्री महोदय को ही अपनी तरफ से कोई कदम उठाना पड़ेगा।
जनमंच को मंत्री ने बताया ‘जन्नत’
जनमंच समाप्त होने के बाद मंत्री राकेश पठानिया ने कहा की जन्नत में लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाता है जिसमें कई समस्याएं सामूहिक समस्याएं होती हैं और कई लोगों की प्रश्न समस्याएं भी होती हैं। इनमें से कई समस्याओं का तो मौके पर ही निपटारा कर दिया जाता है और कई समस्याओं को वक्त लगता है। मंत्री राकेश पठानिया ने कहा की कई ऐसी समस्या आई थी आज जिनको 1 सप्ताह के भीतर आने का लक्ष्य रखा गया है और जितनी भी समस्याएं थी उनको हम डिजिटल तरीके के जरिए करते रहते हैं जिसमें जिलाधीष कांगड़ा भी इन सारी समस्याओं को मॉनिटर करेंगे और हल भी किया जाएगा।
एक अन्य समस्या में महिला से भेदभाव
जनमंच के दौरान एक महिला भी मंत्री के पास पहुंची जिन्होंने घर के लिए मंत्री को शिकायत दी। उन्होंने कहा कि वे अनुसूचित जाति से संबंध रखती है उसके नाम जमीन नहीं है और वह अपना घर बनाना चाहती हैं। सरकार से जमीन चाहती हैं, लेकिन उसको कई सालों से टाला जा रहा है। टाला इसलिए जा रहा क्योंकि उसके पिता के नाम जमीन है और कई बार यह महिला अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट-काट कर थक चुकी थीं। ऐसे में दुखी होकर वे जनमंच में पहुंची जिसने मंत्री के सामने ही एसडीएम और पटवारी को धो डाला।
पटवारी और एसडीम को धोने के बाद मंत्री महोदय भी एक्शन मोड में आ गए और एक्शन मोड में आने के बाद उन्होंने अधिकारियों को अच्छी खासी लताड़ भी लगाई है। इसलिए नहीं लगाई कि उन्होंने काम नहीं किया बल्कि इसलिए लगाई कि अधिकारी सिर्फ फॉर्म भरने तक ही सीमित है। मंत्री महोदय ने तो यहां तक कह दिया कि 5 साल में तुम्हारा क्या गया तो इस बेचारी औरत का गया और क्यों नहीं इसका काम हो रहा है। 1 सप्ताह के भीतर उसकी फाइल भी मंत्री महोदय ने मंगवा ली है।
Himachal Govt ₹64 Crore Payment: दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की कुर्की से बचाने के लिए…
Himachal Congress Reorganization: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन को पुनर्गठित करने की प्रक्रिया शुरू हो…
Hardoi road accident: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मल्लावां कोतवाली क्षेत्र में सोमवार तड़के…
Post-Monsoon Drought Himachal: हिमाचल प्रदेश में पिछले दो महीनों से बारिश न होने के…
Daily Horoscope November 25: सोमवार का दिन कई राशियों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव और नई…
Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…