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24 वर्षीय आकाश चौधरी की सड़क हादसे में मौत: भाई को मुखाग्नि देकर रो पड़ी छोटी बहन

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रिपोर्ट: बरजेश्वर साकी


Road Accident: गांव के आंगन में जहां कभी भाई-बहन की खिलखिलाहट गूंजती थी, वहां आज मातम पसरा था। बहन की आंखों में अधूरी राखी की पीड़ा थी और मां की गोद में तड़पता मातृत्व। मत्स्य विभाग देहरा में कार्यरत 24 वर्षीय आकाश चौधरी की सड़क हादसे में मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। माता-पिता के इकलौते बेटे की असमय मौत ने परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया। लेकिन सबसे मार्मिक पल तब आया जब छोटी बहन आकांक्षा ने अपने भाई को मुखाग्नि दी। कांपते हाथों और छलकते आंसुओं के बीच उसने जब चिता को अग्नि दी, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं।

एक अनसुनी विदाई: जब बहन ने कहा – “भैया, वापस आ जाओ!”

आकाश के घर से उसकी अर्थी उठी, तो उसकी मां बेसुध होकर दरवाजे से लिपट गईं। पिता का कांपता शरीर उनके भीतर उमड़ते तूफान को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा था। लेकिन आकांक्षा की स्थिति सबसे दर्दनाक थी। बचपन में जिस भाई की कलाई पर वह हर साल राखी बांधती थी, आज उसी भाई को अग्नि सौंपने की बारी थी। उसके होंठ बार-बार कांपते हुए कह रहे थे, “भैया, वापस आ जाओ! एक बार आंख खोल दो!” लेकिन लकड़ियों के ढेर पर लेटा आकाश अब कोई जवाब नहीं दे सकता था।

रात के अंधेरे में छिन गया मां-बाप का इकलौता सहारा

रोज की तरह, आकाश देर रात अपनी ड्यूटी खत्म कर मामा के घर हरिपुर जा रहा था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। रात 12:30 बजे विद्युत विभाग कार्यालय के पास अचानक उसकी बाइक गिर गई। कुछ राहगीरों ने सड़क पर पड़े आकाश को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी।

पुलिस उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले गई, लेकिन मौत उससे तेज निकली। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मां-पिता के चेहरे की आखिरी उम्मीद भी बुझ गई।

हादसा या कुछ और? परिवार ने उठाए सवाल

घटना स्थल पर पुलिस ने जांच की, लेकिन वहां कोई ऐसी चीज नहीं मिली जिससे आकाश की बाइक फिसलने का कारण साफ हो सके। बाइक भी पूरी तरह सही हालत में थी। डॉक्टरों का कहना था कि मौत किसी आंतरिक चोट के कारण भी हो सकती है। लेकिन सवाल यह था कि क्या यह महज़ एक दुर्घटना थी या इसके पीछे कुछ और राज छिपा था?

सपनों का अंत: शादी की तैयारियों के बीच उठी अर्थी

आकाश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके घर में शादी की हलचल शुरू होने वाली थी, लेकिन उसकी जिंदगी का सपना बीच रास्ते में ही टूट गया। उसकी मां रोज़ उसकी शादी के सपने देखती थीं, लेकिन अब उनकी आंखों में सिर्फ आंसू थे।

गांव में पसरा सन्नाटा, बहन ने खुद को समेटा

जब अंतिम यात्रा निकली, तो गांव का हर शख्स गमगीन था। घर के आंगन में बहन आकांक्षा की आवाज गूंज रही थी, “भैया, राखी तो बांधने देते!” उसकी यह चीख हर किसी के दिल को चीर गई।

पुलिस जांच में जुटी, परिवार को जवाब का इंतजार

एसपी देहरा मयंक चौधरी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के सही कारणों का पता चलेगा। लेकिन परिवार अब भी इस सवाल में उलझा है कि आखिर आकाश की मौत का असली कारण क्या था?

जो भी सच हो, एक बात तो तय है – आकांक्षा की कलाई अब हमेशा सूनी रहेगी और आकाश के माता-पिता की दुनिया अब हमेशा अधूरी रहेगी।