हिमाचल

नड्डा जी, हिमाचल के हितों की पैरवी करने में रहे नाकामः रोहित

  • आपदा में नहीं मिली विशेष मदद, केंद्र से मिलने वाली आर्थिक मदद भी घटीः  रोहित

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा अपने घर हिमाचल प्रदेश में केवल राजनीतिक पर्यटक बन कर रह गए हैं। चुनाव के दिनों में वह हिमाचल के लोगों से वोट मांगने के लिए आते हैं और इतने बड़े पद पर रहते हुए भी वह दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के हितों की पैरवी करने में नाकाम रहे हैं।

रोहित ठाकुर ने कहा कि पिछले मानसून सीज़न में हिमाचल प्रदेश में आई सबसे बड़ी आपदा के दौरान नड्डा आपदा प्रभावित परिवारों को केंद्र सरकार से एक पैसे की भी विशेष मदद दिलाने में नाकाम रहे, जबकि इस आपदा में 550 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और राज्य को 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाली आर्थिक मदद भी कम हुई है।

केंद्र से मिलने वाली रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट को घटाकर कर 1800 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जिसे अगले वर्ष और कम कर दिया जाएगा। यही नहीं, जीएसटी कंपोनेंट के अंतर्गत प्रति वर्ष मिलने वाली 2500 करोड़ रुपए  की धनराशि भी बंद कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने पर हिमाचल प्रदेश के लिए ऋण लेने की सीमा 4 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दी गई है, जिससे 1700 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक्टर्नल एडेड प्रोजेक्ट के लिए भी केंद्र सरकार ने तीन साल में 3000 करोड़ रुपए की लिमिट तय कर दी है। सेंट्रल ट्रांसफर के भाजपा सरकार के कार्यकाल में मिलने वाले 4151 करोड़ को घटाकर 3395 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों की भी पैरवी भी नहीं की। अन्यथा आयात शुल्क को तीन गुणा बढ़ाने की जगह मोदी सरकार इसे कम करके 50 प्रतिशत नहीं करती। उन्होंने कहा कि आयात शुल्क घटाने से देश में सेब का रिकॉर्ड आयात हुआ है और प्रदेश के बागवानों पर मार पड़ी है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने सेब का कंसंट्रेट को जूस में मिलाकर बागवानों को समृद्ध बनाने की बात कही थी, लेकिन यह बात भी जुमला ही साबित हुई है। इसके अतिरिक्त एमआईएस के तहत 50:50 के अनुपात में मिलने वाली आर्थिक सहायता को बंद कर दिया गया और इसके स्थान पर केंद्र सरकार से केवल एक लाख रुपए टोकन मनी दिया जा रहा है। रोहित ठाकुर ने कहा कि जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से आते हैं और उन्हें इन बातों पर राज्य के हितों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार के सामने रखना चाहिए था, लेकिन वह दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं।

Kritika

Recent Posts

महाराष्ट्र में एनडीए की ऐतिहासिक जीत, भाजपा ने रचा नया इतिहास: उषा बिरला

NDA Victory in Maharashtra: भारतीय जनता पार्टी की जिला उपाध्यक्ष उषा बिरला ने महाराष्ट्र में…

2 hours ago

कंबल को लेकर कैथू जेल में भिड़े दो कैदी, एक गंभीर रूप से घायल

Shimla Prison Fight: शिमला के कैथू जेल में शनिवार को दो कैदियों के बीच कंबल…

3 hours ago

सुजानपुर में सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा का शिविर, 45 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण

Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…

4 hours ago

कांगड़ा एयरपोर्ट की 14 फ्लाइट्स रद्द, जानें कारण, क्‍या है समस्‍या और समाधान

Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…

5 hours ago

परिवहन में डिजी लॉकर को मान्यता न देने पर दिव्‍यांग कल्‍याण संगठन ने जताई नाराजगी

DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…

5 hours ago

हमीरपुर में तकनीकी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह में 4801 को मिली डिग्रियां

Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…

5 hours ago