हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शु्क्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन शिवभक्त नाग देवता की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. मंदिरों में नाग देवता का जलाभिषेक किया जाता है और उन्हें दूध चढ़ाया जाता है. इस दिन शिवभक्त उपवास भी रखते हैं. मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं. पौराणिक काल से सर्प देवताओं की पूजन की परंपरा है.
ऐसी मान्यता है कि नाग की पूजा करने से सांपों के कारण होने वाला किसी भी प्रकार का भय खत्म हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवताओं की आराधना करने से जातकों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस बार 2 अगस्त को नाग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है.
नागपंचमीं से जुड़ी पौराणिक कथा…
पौराणिक कथा के अनुसार जनमेजय अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र थे. जब जनमेजय ने पिता की मृत्यु का कारण सर्पदंश जाना तो उसने बदला लेने के लिए सर्पसत्र नामक यज्ञ का आयोजन किया. नागों की रक्षा के लिए यज्ञ को ऋषि आस्तिक मुनि ने श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन रोक दिया और नागों की रक्षा की. इस कारण तक्षक नाग के बचने से नागों का वंश बच गया. आग के ताप से नाग को बचाने के लिए ऋषि ने उनपर कच्चा दूध डाल दिया था. तभी से नागपंचमी मनाई जाने लगी. वहीं नाग देवता को दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई.
नाग पंचमी के दिन इन देवों का करें स्मरण…
नाग पंचमी के दिन जिन नाग देवों का स्मरण कर पूजा की जाती है. उन नामों में अनंत, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल प्रमुख हैं. इस दिन घर के दरवाजे पर सांप की 8 आकृतियां बनाने की परंपरा है. हल्दी, रोली, अक्षत और पुष्प चढ़ाकर सर्प देवता की पूजा करें. कच्छे दूध में घी और शक्कर मिलाकर नाग देव का स्मरण कर उन्हें अर्पित करें.
इस दिन इन बातों का रखें विशेष ध्यान…
मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी पर उपवास रखना चाहिए, नाग देवताओं की पूजा करें, उनका जलाभिषेक करें, फूल व दूध चढ़ायें. साथ ही नाग मंत्र का भी जाप करें. अगर कुंडली में राहु केतु भारी हैं, तो नाग पंचमी पर जरूर सांपों की पूजा करें. शिवलिंग या नाग देवता को दूध चढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दूध पीतल के लोटे में हो. नाग पंचमी पर सूई धागे का इस्तेमाल करना भी अशुभ माना जाता है और इस दिन लोहे के बर्तन में भोजन नहीं बनाना चाहिए.
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