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हिमाचल में भी सामने आया नीरव मोदी!, 1600 करोड़ रुपए डकारे

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल में भी पीएनबी घोटाले जैसा करोड़ो का महाघोटाला सामने आया है। यहां एक कंपनी ने हिमाचल में 2200 करोड़ के इस महाघोटाला को अंजाम दिया। राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक, पांवटा में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के मालिक डॉ. राकेश शर्मा ने विशेष औद्योगिक पैकेज के माध्यम से कई नेशनलाइस़ बैंकों के 1600 करोड़ रुपये डकारे।

दरअसल, वाक्या कुछ यूं हुआ कि इंडियन टेक्नोमेक कंपनी ने 2009 से उत्पादन के जाली आंकड़ों के जरिये करोड़ों का कर्ज लिया, जिसे समय रहते चुकता नहीं किया गया और ब्याज़ लगकर ये राशि 2100 करोड़ पहुंच गई। 2014 में आबकारी विभाग के अधिकारी ने कंपनी की जांच की इस घोटाले का पर्दाफाश किया। इसके बाद 2015 में इस घोटाले की जांच CID को सौंपी गई।

जांच में सामने आया कि कंपनी फ्रॉड तरीके से कामों को अंजाम दे रही है और बैंकों का पैसा नहीं लौटाने वाली। कंपनी को आबकारी और काराधान विभाग ने डिफाल्टर घोषित कर दिया और पेनल्टी लगाई, जिससे कर्ज 2200 करोड़ पहुंच गया। तब से कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक यानी मालिक राकेश शर्मा समेत उनके सभी निदेशक हाथ नहीं आ पाए। मालिक समेत सभी निदेशक विदेश फरार हो चुके हैं। सीआइडी जांच में पता चला कि कंपनी ने टैक्स चोरी किया है।

अब विभाग ने वटा साहिब में स्थित इस कंपनी की संपत्ति को निलाम करना शुरू कर दिया है। सरकार ने कंपनी की संपत्ति पर राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज कर ली है। विभाग कंपनी की संपत्ति का आकलन हिमकॉन एजेंसी से करवा रही है। आबकारी विभाग के सिरमौर में कार्यरत सहायक आयुक्त गणेश दत्त ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।

2014 में हुआ था पर्दाफाश

इस घोटाले का पर्दाफाश 2014 में आबकारी विभाग के अधिकारी गणेश दत्त ने किया था। विभाग ने कंपनी पर भारी पेनल्टी लगाई और इसे डिफाल्टर घोषित किया। इस निर्णय के खिलाफ कंपनी पहले अपीलीय प्राधिकरण में हाईकोर्ट गई। यहां बात नहीं बनने पर कंपनी सुप्रीम कोर्ट पहुंची मगर वहां भी कंपनी को राहत नहीं मिली।  पूर्व आइएएस अधिकारी का बेटे को कंपनी का निदेशक बनाया गया ताकि घोटाले को अंजाम दिया जा सके।