Categories: हिमाचल

किसान-बागवानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करें अधिकारीः प्रधान सचिव

<p>कृषि लागत में कमी और किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए प्रदेश में शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्य की प्रगति को लेकर शनिवार को राज्य सचिवालय में प्रधान सचिव कृषि ओंकार शर्मा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई। इस बैठक में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत शुरू की गई सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि के प्रसार और किसानों के लिए चलाए जो रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में 12 जिला के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर और विषयवाद विशेषज्ञों से जानकारी ली गई।</p>

<p>बैठक के दौरान प्रधान सचिव कृषि ओंकार शर्मा ने अधिकारियों को अधिक से अधिक किसान-बागवानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करके सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के अंर्तगत लाने के लिए कहा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस खेती विधि को अधिक से अधकि किसानों तक पहुंचाने के लिए खंड स्तर के लिए रखे गए लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए योजना बनाकर काम करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस खेती विधि को अपनाने से यदि किसी किसान की आय में कमी हुई है तो उसकी भी रिपोर्ट तैयार करके उन्हें सौंपे।</p>

<p>इस मौके पर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने चार जिलों लाहौल-स्पिति, चंबा, सिरमौर और मंडी में किये जा रहे कार्याें की सराहना की और अन्य जिलों को दिए गए लक्ष्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश जारी किए।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>मंडी में होगा 5 हजार किसानों का सम्मेलन</strong></span></p>

<p>राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने कहा कि इस साल के 50 हजार किसानों को जोड़ने के लक्ष्य के साथ ही अगले साल की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही बोआई का सीजन खत्म होगा उसके तुरंत बाद मंडी जिला में 5 हजार से अधिक किसानों का एक दिवसिय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती विधि में देसी नस्ल की गाय का बहुत ही महत्व है इसके लिए किसानों को देसी नस्ल की गाय की खरीद में अधिकतम 25 हजार की सब्सिडी देना शुरू कर दिया है।</p>

<p>समीक्षा बैठक के दौरान योजना के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि को प्रदेश में प्रभावी तरीके से अपनाने के लिए पूरे देश में हिमाचल को शाबाशी मिल रही है। उन्होंने कहा कि हाल में कृषि मंत्रालय में आयोजित बैठक में हिमाचल प्रदेश की सराहना की गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हमें जिन किसानों को प्रशिक्षण के लिए भेजना है उस समय सही चयन की ओर ध्यान देना चाहिए ताकि प्रशिक्षण पाने के बाद किसान प्राकृतिक खेती को स्वयं तो अपनायें साथ ही और किसानों को भी इस खेती विधि से जोड़ें। बैठक में कृषि निदेशक डाॅ. आरके कौंडल और सभी जिलों के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डीपीडी और विषयवाद विशेषज्ञ मौजूद रहे।</p>

Samachar First

Recent Posts

हिंदू एकता संघ ने करवाया मेहंदी उत्सव

Hindu Ekta Sangh celebrations: हिंदू एकता संघ के द्वारा गांधी चौक पर मेहंदी उत्सव का…

20 seconds ago

वर्षा शालिका के पास मिली दिहाड़ी मजदूर की लाश

Body found in Bhoraj: भोरंज उपमंडल की पंचायत जाहू के सुलगवान चौक पर एक मृत…

4 mins ago

आर एस बाली ने रामायण के माध्यम से सामाजिक एकता की दी प्रेरणा

Valmiki Jayanti celebration in Nagrota: महर्षि वाल्मीकि के प्रकटोत्सव के अवसर पर जिला कांगड़ा की…

9 mins ago

Himachal: 600 करोड़ की स्वीकृति के बावजूद लंबित मांगों पर नाराजगी

Himachal Employee Federation meeting:  हिमाचल प्रदेश कर्मचारी महासंघ ने मंगलवार को सचिवालय के प्रांगण में …

20 mins ago

Anti-Drug Campaign: पुलिस का नशे के खिलाफ अभियान तेज, बुद्धिजीवी वर्ग से मांगा सहयोग

  Hamirpur Anti-Drug Campaign: नशा तस्करों के खिलाफ हमीरपुर पुलिस ने एक नई मुहिम की…

5 hours ago

मंडी शहर के विकास कार्यों में तेजी लाएं: अनिल

Mandi Municipal Corporation Meeting:  मंगलवार को नगर निगम मंडी के सभागार में सभी विभागों और…

5 hours ago