हिमाचल प्रदेश जल रक्षक लंबे समय अपने लिए स्थायी नीति की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन आज जलरक्षकों ने चौड़ा मैदान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया ओर जमकर नारेबाजी की. जल रक्षक कई दिनों से टूल डाउन स्ट्राइक पर है ओर जब तक मांगे पूरी नहीं होती है तब तक शिमला में रहने का ऐलान किया.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई. सरकार से अनुबंध में लाने का कार्यकाल 12 से घटाकर 8 साल करने की मांग उठाई जा रही है. सरकार की ओर से इनके मानदेय में 900 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. हिमाचल जल रक्षक महासंघ के अध्यक्ष रूप लाल का कहना है कि जल रक्षक लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, बावजूद इसके सरकार मांगे नहीं सुन रही.
रूपलाल का कहना है कि महंगाई के इस दौर में भी जल रक्षकों को केवल 4 हजार 500 रुपए वेतन मिलता है. इस महंगाई के दौर में इतने वेतन में घर का गुजर बसर करना बेहद मुश्किल है. हिमाचल जल रक्षक महासंघ की मांग है कि सरकार उनके कॉन्ट्रैक्ट में आने का कार्यकाल बारह से घटाकर आठ साल करे. इसके अलावा उनके वेतन में भी बढ़ोतरी की जाए. यदि सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो वह शिमला से वापस नहीं लौटेंगे. उन्होंने बताया कि जल्द उनके परिवार भी उनके साथ धरने में उतरेंगे.