➤ फाइनेंस डिपार्टमेंट की अनुमति बिना पंचायत चौकीदारों का मानदेय बढ़ाया, अब रिकवरी शुरू
➤ हमीरपुर में एकमुश्त और मंडी में किश्तों में काटा जा रहा मानदेय
➤ यूनियन और पंचायत चौकीदारों ने रिकवरी रोकने व सीएम की घोषणा लागू करने की मांग उठाई
हिमाचल प्रदेश की अफसरशाही के एक फैसले ने पंचायत चौकीदारों को गहरे संकट में डाल दिया है। मामला यह है कि फाइनेंस डिपार्टमेंट की अनुमति लिए बिना पंचायतीराज विभाग ने चौकीदारों का मानदेय बढ़ा दिया। लेकिन जब वित्त विभाग ने इसकी जांच की तो अब उन चौकीदारों से रिकवरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं, जो पिछले करीब डेढ़ साल से बढ़ा हुआ मानदेय ले रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, हमीरपुर जिले में लगभग 17 महीने का बढ़ा हुआ मानदेय एकमुश्त काट लिया गया, जबकि मंडी जिले में रिकवरी को किस्तों में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में अभी इस तरह की कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। प्रदेशभर में लगभग 1500 पंचायत चौकीदार डेली वेजिज आधार पर सेवाएं दे रहे हैं, जिन्हें इस फैसले ने हिला कर रख दिया है।
दरअसल, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2024 के बजट भाषण में पंचायत चौकीदारों के मानदेय में 25 रुपए प्रतिदिन बढ़ोतरी की घोषणा की थी। उस समय तक इन्हें 375 रुपए प्रतिदिन मानदेय मिलता था। कैबिनेट ने अन्य श्रेणी के कर्मचारियों और जन प्रतिनिधियों के साथ इनका मानदेय भी बढ़ाने की मंजूरी दे दी। लेकिन गलती यह रही कि विभाग ने फाइनेंस डिपार्टमेंट से औपचारिक अनुमति नहीं ली और सीधे चौकीदारों का मानदेय 400 रुपए प्रतिदिन कर दिया।
1 अप्रैल 2024 से पंचायत चौकीदार बढ़ा हुआ मानदेय पा रहे थे। वहीं 2025 के बजट भाषण में सीएम ने एक बार फिर 25 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की, लेकिन इस पर अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। उल्टा, जो मानदेय 2024 से दिया जा रहा था, उसकी भी अब रिकवरी शुरू हो गई है।
इस फैसले ने पंचायत चौकीदारों में भारी असंतोष फैला दिया है। मंडी पंचायत चौकीदार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष घनश्याम ठाकुर ने इस रिकवरी को धोखा करार देते हुए सरकार से तत्काल आदेश वापस लेने की मांग की है। वहीं, प्रदेश यूनियन अध्यक्ष प्रेम वरधान ने कहा कि यह जिम्मेदारी विभाग की थी कि वह वित्त विभाग से अनुमति लेकर नोटिफिकेशन जारी करता। मामूली मानदेय पाने वाले गरीब पंचायत चौकीदारों से रिकवरी करना अन्यायपूर्ण और गलत है।
यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इस फैसले पर तुरंत रोक नहीं लगाई और 2025 की घोषणा को लागू करने में देरी की तो पंचायत चौकीदार सरकार और विभाग के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस संबंध में यूनियन का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री, पंचायतीराज मंत्री और अधिकारियों से मुलाकात करेगा।



