Categories: हिमाचल

अभिभावक मंच ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, निजी स्कूलों के खिलाफ रवैया नरम क्यों ?

<p>छात्र अभिभावक मंच ने प्रदेश शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से मांग की है कि वे निजी स्कूलों की फीस को न्यायसंगत करने के लिए 27 अप्रैल 2016 के प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को तुरंत लागू करें। मंच ने चेताया है कि जब तक उच्च न्यायालय और शिक्षा निदेशालय का 18 मार्च 2019 का फैसला लागू नहीं किया जाता और फीसों पर अंकुश नहीं लगाया जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।</p>

<p>मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि 18 मार्च 2019 को उच्चतर शिक्षा निदेशक द्वारा प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने और टूअरों, ट्रिपों व पिकनिकों को अनिवार्य के बजाए स्वैच्छिक करने तथा बच्चों की सेफ्टी और सिक्योरिटी का ध्यान रखने के आदेशों को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय एसडीएम की भूमिका सुनिश्चित की थी। इस आदेश के क्रियान्वयन पर उन्होंने शिमला शहर और शिमला ग्रामीण दोनों एसडीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इस आदेश के आने के बाद शिमला शहर और इसके इर्दगिर्द के कुछ स्कूलों ने पिकनिक का फरमान जारी किया है और इसे अनिवार्य करके इन आदेशों की धज्जियां उड़ाई हैं । उन्होंने इन पिकनिकों के बारे में स्थानीय एसडीएम को बताना जरूरी नहीं समझा है।</p>

<p><span style=”color:#2ecc71″><em>(आगे खबर के लिए विज्ञाप को स्क्रॉल करें)</em></span></p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(2452).jpeg” style=”height:479px; width:312px” /></p>

<p>शिमला शहर व इसके इर्दगिर्द में निजी स्कूल धड़ल्ले से सरकारी अधिसूचनाओं व न्यायालयों के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। इस संदर्भ में अखबारों में आये दिन खबरें प्रकाशित होने के बावजूद शिमला शहर व शिमला ग्रामीण दोनों एसडीएम खामोश हैं व इन निजी स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इस से इस बात के पुख्ता सबूत मिल रहे हैं कि इन निजी स्कूलों को प्रशासन का खुला समर्थन है। उन्होंने दोनों एसडीएम से सवाल किया है कि 18 मार्च के आदेशों की अवहेलना करने वाले निजी स्कूल प्रबंधनों पर उन्होंने क्या कार्रवाई की है व निजी स्कूलों के प्रति उनका रवैया क्यों नरम है।</p>

<p>विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि शिक्षा निदेशालय केवल कागज़ी कार्रवाई करके खानापूर्ति कर रहा है और निजी स्कूलों की मनमानी और लूट पर कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है। केवल मीटिंगें करके इस समस्या का समाधान नहीं होने वाला है। शिक्षा निदेशक की प्रदेश के सभी शिक्षा उप निदेशकों के साथ सम्पन्न हुई मीटिंग भी एक आई वॉश है जिस से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। इसलिए बेहद ज़रूरी है कि कार्रवाई धरातल पर दिखे। इसके लिए जरूरी है कि जिन भी स्कूलों ने शिक्षा विभाग के नोटिसों का जवाब नहीं दिया है अथवा उसके 18 मार्च के आदेशों की पालना नहीं किया है या फिर जो स्कूल निजी शिक्षण संस्थान (विनियम) विधेयक 1997 का उल्लंघन कर रहे हैं उनकी मान्यता तुरन्त रद्द की जाये। जब तक इन स्कूलों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी तब तक इन निजी स्कूलों की मनमानी,लूट व भारी फीसों पर नकेल नहीं लगेगी।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(2453).jpeg” style=”height:1040px; width:800px” /></p>

Samachar First

Recent Posts

Survey: लेनदेन शुल्क लगा तो UPIका इस्तेमाल बंद कर देगे 75% उपयोगकर्ता

  New Delhi:लोकलसर्किल्स ने रविवार को एक सर्वेक्षण निष्कर्ष निकाला है। जिसमें दावा किया गया…

59 mins ago

शिमला का चिट्टा किंगपिन महात्‍मा पुलिस शिकंजे में, संपत्ति होगी जब्त

    Shimla: हिमाचल की राजधानी शिमला में चिट्टा तस्‍करों का नेक्‍सस चला रहे किंगपिन…

1 hour ago

मोदी-बाइडेन वार्ता में उभरे सामरिक संबंध, कई प्रमुख मुद्दों पर मंथन

  समाचार फर्स्‍ट एजेंसी Modi America visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन…

4 hours ago

बिजली के करंट के साथ अब बढ़ेगा पानी का बिल, ग्रामीण इलाकों पर असर

  पहली अक्तूबर से बढ़ेगा रेट,प्रति कनेक्शन प्रतिमाह कटेगा बिल 20 किलो लीटर तक पानी…

4 hours ago

जानें कैसे रहेगा रविवार का राशिफल

  मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज आपको कोई शुभ…

5 hours ago

Himachal: भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ने लौटाई एमएचए की सिक्योरिटी

  धर्मशाला:जसवां प्रागपुर से भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ने एमएचए की सिक्योरिटी लौटा दी है।…

18 hours ago