हिमाचल प्रदेश में हर साल साढ़े तीन हजार से 4 हजार लोगों को हार्ट अटैक हो रहा है। हार्ट अटैक का कारण गलत खानपान, कम शारीरिक गतिविधियां और धूम्रपान मुख्य रुप से है। इसके अलावा बढ़ती उम्र भी एक कारण है। हार्ट अटैक होने पर हिमाचल में 100 में से 10 से 15 लोगों की मृत्यु हो रही है जिन्हें बचाया जा सकता है। लेकिन लोग हार्ट अटैक के लक्षणों को न पहचानने के कारण अस्पताल देरी से पहुंचते हैं जिसके कारण मरीज को ईलाज न मिलने से मौत हो जाती है।
शिमला आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ पीसी नेगी ने बताया कि अगर हार्ट अटैक के लक्षणों की समय पर पहचान की जाए और व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। लेकीन लोग हार्ट अटैक के लक्षणों को अनदेखा करते हैं और अस्पताल देरी से पहुंचते हैं। प्रदेश में एक लाख लोगों के पीछे 70 लोगों को हार्ट अटैक को रहा है।
लोगों को हार्ट अटैक के प्रति जागरूक करने के मकसद से शिमला में हार्ट अटैक प्रिवेंशन मॉडल तैयार किया गया है। जिसमें ब्लॉक स्तर पर 20 स्वास्थ्य संस्थानों को इसके लिए चिन्हित किया है जहां लोगों का उपचार हो सकता है और साथ ही लोगों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है।
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…
High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…
NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…
Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…
Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…
Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…