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भाजपा चुनावी रथ से प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के फोटो हुए गायब

Jasbir kumar |

भाजपा द्वारा प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों में शनिवार को लांच की गई एलईडी रथ यात्रा को लेकर हमीरपुर में गांधी चौक पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा क्षेत्रों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की मौजूदगी में इस रथ यात्रा को रवाना किया. लेकिन हैरानी इस बात की हुई की जिस व्यक्ति ने इन रथों को रवाना किया उसके ही फोटो इसके ऊपर नहीं लगे थे.

इसे लेकर जहां कार्यकर्ताओं में रोष था. वहीं, इसे बड़े नेता की अनदेखी भी करा दे रहे थे. सुरेश कश्यप से भी जब इस बाबत पूछा गया तो वह भी बात को टालमटोल कर गए. एक भी गाड़ी पर पूर्व मुख्यमंत्री की फोटो ना होने की टिस वहां कार्यकर्ताओं में साफ देखने को मिल रही थी.

प्रदेश भाजपा द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए हाईटेक तरीके से एलईडी रथ यात्रा प्रदेश भर में शनिवार से शुरू की गई.

इस रथ यात्रा का मकसद केंद्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गांव-गांव में आम लोगों तक पहुंचाना और इससे पार्टी के पक्ष में एक माहौल बनाना है. 4 संसदीय क्षेत्रों से इसे एक साथ लांच करने का कार्यक्रम रखा गया था.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लिए 17 रथों को पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की मौजूदगी में रवाना किया. लेकिन हैरानी की बात है कि दो बार मुख्यमंत्री रह चुके जिस व्यक्ति द्वारा इस रथयात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया उसके ही फोटो रथों पर से गायब थे.

पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का भी फोटो उन पर नहीं था. धूमल का इस संसदीय क्षेत्र पर पिछले दो दशकों से दबदबा हो रहा है. लेकिन प्रचार गाड़ियों पर पहले ही चरण में उनके इस ढंग से फोटो गायब होना कई सवाल पार्टी के बीच भी खड़े कर रहा है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के थी फोटो इन पर नहीं थे.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप से जब पूर्व मुख्यमंत्री के फोटो रथों पर ना होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि अभी तक उन्होंने इन रथों को नहीं देखा है.

जबकि वह 2 घंटों तक इस कार्यक्रम में रहे और बकायदा उन्होंने हरी झंडी भी इन रथों को दिखाए. उनका कहना था कि इन रथों पर किस तरह के फोटो लगने हैं यह केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया है और उसके मुताबिक ही प्रचार सामग्री बनाई गई है.