श्राद्ध में पितरों को याद किया जाता है, पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. पितृ पक्ष में उन पूर्वज को याद किया जाता है जो अपनी देह का त्याग कर चले जाते हैं, उनकी आत्मा की शांत के लिए तर्पण किया जाता है. इसे ही श्राद्ध भी कहा जाता है. श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक किया जाने वाला कर्म.
इस मर्तबा 10 सितंबर 2022 से पितृ पक्ष शुरू होकर समापन सर्व पितृ विसर्जनी अमावस्या के दिन यानी की 26 सितंबर 2022 को होगा. कहते हैं श्राद्ध पक्ष में पितर धरती पर आते हैं. इस दौरान तर्पण, पिंडदान करने से उन्हें शांति मिलती है.
माना जाता है कि पितृ पक्ष में मृत्युलोक के देवता यमराज आत्मा को मुक्त कर देते हैं, ताकि वे अपने परिजनों के यहां जाकर तर्पण ग्रहण कर सकें. पितृ पक्ष में पितरों को याद करने का विधान है. पितृ पक्ष के बारे में पुराणों में वर्णन मिलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है. कुंडली में पितृ दोष को दूर करने के लिए श्राद्ध में तर्पण करने से मुक्ति का मार्ग बताया गया है. 26 सितंबर से नवरात्र शुरू हो जायेंगे. जबकि पाँच अक्टूबर की दशहरा है.
विरासत भी और विकास भी यह हैं मोदी सरकार की गारंटी, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद जन जागरण…
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक नारायण सिंह स्वामी…
स्पीति के 6303 मीटर की ऊंचाई चाउ चाउ कांग नीलदा पीक के लिए 7 सदस्यीय…
4 जून को इंडी गठबंधन काकुनबा होगा धराशायी: बिंदल इंडी गठनबंदन का वैचारिक दिवालियेपन के…
केलांग में सामान्य पर्यवेक्षक विनीत नंदनवर ने चुनाव प्रबंधों का लिया जायजा पारदर्शी, निष्पक्ष और…
नगरोटा उपमंडल के मूमता पंचायत में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने लोक संगीत…