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शिमला में पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, डीजीपी ने किया पुष्पांजलि अर्पण

शिमला स्थित सतर्कता मुख्यालय परिसर में पुलिस स्मृति दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया
पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
1959 में हॉट स्प्रिंग्स में शहीद हुए जवानों की याद में हर वर्ष मनाया जाता है यह दिवस


हिमाचल प्रदेश के सतर्कता मुख्यालय परिसर में आज पुलिस स्मृति दिवस पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह दिन उन वीर पुलिस कर्मियों को समर्पित है जिन्होंने कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी ने की। इस अवसर पर विभिन्न जिलों, बटालियनों और विशेष इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

परेड का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक उमेश्वर राणा ने किया, जिन्होंने पुलिस महानिदेशक को सामान्य सलामी दी। परेड में प्रथम आईआरबीएन बनगढ़, तृतीय आईआरबीएन पंडोह और हिमाचल प्रदेश सशस्त्र पुलिस बटालियन जुन्गा की टुकड़ियाँ शामिल थीं। समारोह के दौरान पूरा माहौल गंभीरता और सम्मान से ओतप्रोत रहा।

इस अवसर पर शहीद पुस्तिका को पूरे सम्मान के साथ स्मारक तक लाया गया और पिछले वर्ष शहीद हुए पुलिस कर्मियों के नामों का वाचन किया गया। पुलिस बैंड द्वारा “ऐ मेरे वतन के लोगों” की धुन बजाई गई, जिसके दौरान डीजीपी अशोक तिवारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की

कार्यक्रम का समापन दो मिनट के मौन, अंतिम स्तंभ की ध्वनि और राष्ट्रीय ध्वज को पूर्ण रूप से फहराने के साथ हुआ — जो वीरता, बलिदान और कर्तव्य के प्रति शाश्वत समर्पण का प्रतीक है।

अपने संबोधन में डीजीपी अशोक तिवारी ने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके बलिदान ने पुलिस बिरादरी को गौरवान्वित किया है। उन्होंने शहीद परिवारों की शक्ति, साहस और त्याग को समाज के लिए प्रेरणा बताया।

गौरतलब है कि पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में सीआरपीएफ के 10 जवानों की शहादत की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। तब से यह दिन उन सभी पुलिसकर्मियों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर किए