Una STF Raid Controversy : हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) के तीन सदस्यों के घरों पर छापेमारी के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। इस कार्रवाई को लेकर भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला, वहीं कांग्रेस नेताओं ने भी पुलिस और भाजपा पर तीखे प्रहार किए।
वहीं, पूर्व विधायक सतपाल रायजादा ने डीजीपी अतुल वर्मा पर सरकार को अस्थिर करने की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के इशारे पर यह छापेमारी की। रायजादा ने मांग की कि डीजीपी को सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए कि पुलिस को इन छापों में क्या मिला।
भाजपा को मिला सरकार पर निशाना साधने का मौका
इस छापेमारी के बाद भाजपा ने कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस की अंदरूनी कलह और पुलिस प्रशासन की विफलता करार दिया। भाजपा विधायक विधायक सतपाल सिंह सत्ती कह चुके हैं कि वर्तमान सरकार में दागी अफसरों और कर्मचारियों को महत्वपूर्ण स्थानों पर नियुक्तियां देने का एक नया रिकॉर्ड बना दिया गया है। आरोप लगाया था कि इस पूरे खेल में पुलिस के साथ-साथ कांग्रेस के बड़े नेता भी माफिया के साथ शामिल हैं, जबकि पहले से ही माफिया के साथ-साथ गांठ करके चल रहे ये पुलिस कर्मचारी आम लोगों के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार में डी.जी.पी. डिस्क जैसे अवार्ड भी दागी लोगों को रेवड़ियों की तरह बांट दिए गए हैं। पुलिस द्वारा पुलिस के ही कर्मचारियों के खिलाफ की गई छापेमारी से ठीक पहले सूचना को लीक किया गया, ताकि उन्हें अपने बचाव के लिए पूरा समय मिल सके।
सतपाल रायजादा का भाजपा नेता पर पलटवार
पत्रकार वार्ता में पूर्व विधायक सतपाल रायजादा ने भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक सतपाल सिंह सत्ती पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सत्ती हमेशा उनके कारोबार को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं, लेकिन अब वह खुद सत्ती के कारोबार का खुलासा करेंगे।
यह मामला हिमाचल प्रदेश की सियासत में भाजपा और कांग्रेस के बीच नए टकराव को जन्म दे सकता है। पुलिस कार्रवाई को लेकर विपक्षी दल इसे राजनीतिक षड्यंत्र बता रहे हैं, वहीं सत्ताधारी दल इसे कानूनी प्रक्रिया करार दे रहा है।