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हिमाचल: नेताओं की फिसलती जुबान, टूटती मर्यादायें, लुटती सियासत…

हिमाचल प्रदेश में चुनावी वर्ष चल रहा है. सत्ता पाने और खोने के डर से एक दूसरे पर जुबानी हमले तेज हो गए हैं.

पी.चंद |

शिमला: हिमाचल प्रदेश में चुनावी वर्ष चल रहा है. सत्ता पाने और खोने के डर से एक दूसरे पर जुबानी हमले तेज हो गए हैं. जुबानी हमले भी ऐसे की ना तो मर्यादा का ख्याल, ना पद ही गरिमा, जो मुंह पर आया दूसरे को नीचा दिखाने के लिए खुले मंच से कह दिया.

जी हां हिमाचल की सियासत में आज कल कुछ ऐसा ही देखने सुनने को मिल रहा है. पहले मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच जुबानी जंग चलती रही. फिर बात परिवारों तक जा पहुंची. एक दूसरे के ऊपर भाषा की मर्यादा का ख्याल न रखने के आरोप लगते रहे, लेकिन भाषा दोनों ही नेताओं की अमर्यादित थी.

अब विक्रमादित्य ने नया बयान देकर सियासी गलियों में तूफ़ान खड़ा कर दिया है, क्योंकि मामला इस बार भाजपा नेत्री से जुड़ा हुआ है और महिलाओं के अपमान का है, तो विक्रमादित्य पर जवाबी हमले के लिए भाजपा ने अपनी पूरी महिला मंडली मैदान में उतार डाली है.

हालांकि चौतरफा हमलों के बाद विक्रमादित्य ने मामले में सफाई देते हुए माफी मांग ली है, लेकिन सियासी बयान के बहाने अब निजी हमले किए जाने लगे हैं. इससे पहले शायद ऐसे बयानों से गुरेज किया जाता रहा है.