<p>राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेशभर में 143 उद्योगों और होटलों की बिजली काटने के निर्देश दिए हैं। इसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य बिजली बोर्ड को लिखा है। उद्योगों और होटल प्रबंधन पर आरोप है कि इन्होंने जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम-1974 की धारा 25 और वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 21 के तहत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति नहीं ली है। हालांकि बोर्ड ने प्रदेशभर के सभी प्रतिष्ठानों को अखबारों में पब्लिक नोटिस देकर परमिशन लेने को कहा था लेकिन कुछ होटल और उद्योगों ने इसकी परवाह नहीं की।</p>
<p>राज्य सरकार के आदेशों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्ती दिखाते हुए पिछले 4 दिनों के दौरान प्रदेशभर में यह कार्रवाई अमल में लाई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती से उद्योगों और होटल प्रबंधकों में हड़कंप मच गया है। इन प्रतिष्ठानों को बिजली के कनैक्शन वापस लेने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी, तब जाकर इन उद्योगों व होटलों की बिजली बहाल हो पाएगी। गौर रहे कि एक्ट में मौजूद प्रावधानों के मुताबिक किसी भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान को चलाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति लेनी अनिवार्य होती है।</p>
<p>कहां-कहां की कार्रवाई</p>
<p>परवाणु में सबसे ज्यादा 54 होटल और उद्योगों की बिजली काटने के निर्देश दिए गए हैं। शिमला क्षेत्र में 14, बद्दी में 16, धर्मशाला में 23, कुल्लू में 16, बिलासपुर में 15, पांवटा में 4, ऊना में 8 तथा रामपुर में 7 उद्योगों व होटलों की बिजली काटने के निर्देश जारी किए गए हैं।</p>
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