हिमाचल प्रदेश में मानसून के सीजन की शुरुआत के साथ ही वन विभाग के द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम की शुरुआत हो जाती है. इसी के तहत हमीरपुर सर्कल में इस वर्ष 650 सौ हेक्टेयर नई भूमि पर विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जाएगा. वन विभाग द्वारा इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सर्किल के तहत आने वाले जिला हमीरपुर, ऊना व देहरा उपमंडल में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. हमीरपुर वन सर्कल के चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट प्रदीप ठाकुर ने बताया कि प्लांटेशन में लगभग 6 करोड रुपए व्यय किए जाएंगे. वही विभाग द्वारा पारंपरिक चीड़ के पौधारोपण के स्थान पर हरड़, बहेड़ा, आंवला, शीशम, खैर, जामुन सहित टिंबर में इस्तेमाल होने वाले पौधों को लगाने पर जोर दिया जाएगा.बरसात के मौसम में हमीरपुर सर्कल के 650 हेक्टेयर भूमि में पौधे लगाएगा. वन विभाग के द्वारा इस बार टिंबर प्लांट्स के अलावा हरड़, बहेड़ा, आंवला, खैर, जामुन आदि पौधों की प्लांटेशन पर जोर दिया जा रहा है. पौधारोपण के दौरान विभाग द्वारा लगभग साढे 9 लाख नए पौधों का रोपण किया जाएगा. इसके अलावा दो-तीन वर्ष पहले लगाए गए डेढ़ लाख पौधों की मेंटेनेंस भी अलग से की जाएगी. अगर कोई पौधा सूख गया है या फिर उसकी ग्रोथ नहीं हो रही है, तो उनकी जगह भी नए पौधे लगाए जाएगें, ताकि वनों को और हरा-भरा किया जा सके.वन सर्कल हमीरपुर के चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट प्रदीप ठाकुर ने बताया कि विभाग के द्वारा मॉनसून सीजन की शुरूआत के साथ ही पौधारोपण कार्यक्रम के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है उन्होंने बताया कि वन सर्कल हमीरपुर के तहत साढे 6 सौ हेक्टेयर भूमि पर विभिन्न प्रजातियों के 9 लाख पौधों का रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.जिस पर 6 करोड रुपए व्यय किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा इस बार चीड़ के पौधों के रोपण के स्थान पर टिंबर लकड़ी के अलावा हरड़, बहेड़ा, आंवला, शीशम, खैर जामुन इत्यादि प्रजातियों के पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने बताया कि इससे जहां वन हरे भरे होंगे तो वहीं वन्य प्राणियों को भी इसका लाभ मिलेगा.