Mushroom farming Himachal Pradesh: प्रदेश सरकार किसानों और बागवानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है, खासकर नकदी फसलों की खेती को बढ़ावा देकर। इसी दिशा में, उद्यान विभाग के माध्यम से मशरूम की खेती के लिए विशेष सब्सिडी और प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत गांव चमनेड के किसान राजकुमार ने मशरूम की यूनिट स्थापित की और आज वह लाखों रुपये की मशरूम तैयार कर रहे हैं।
राजकुमार पहले पारंपरिक कृषि के साथ-साथ वैल्डिंग का काम करते थे, लेकिन उन्हें इससे पर्याप्त आय नहीं हो रही थी। आय के वैकल्पिक साधनों की तलाश में उन्हें मशरूम की खेती के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से उन्होंने अपने घर में 100 बैग की यूनिट लगाई, जिसके लिए उन्हें 50 हजार रुपये की सब्सिडी मिली। यह यूनिट सफल रही और अब वह पीक सीजन में रोजाना 500 से 600 पैकेट मशरूम तैयार कर बाजार में बेचते हैं, जिससे उन्हें एक पैकेट के 20 से 22 रुपये तक थोक दाम मिलते हैं।
राजकुमार ने अपनी यूनिट की क्षमता बढ़ाकर 400 बैग तक कर ली है, और अब उनका व्यवसाय लगातार बढ़ रहा है। इस सफलता से प्रेरित होकर वह अन्य किसानों को भी मशरूम की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं।