जनसैलाब के बीच लोगों के कंधों पर झूमते सैंकड़ों देव रथों और भगवान रघुनाथ की रथयात्रा से ढालपुर मैदान में अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज हो गया है। भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा जिला मुख्यालय के साथ लगती पहाडी़ भेखली से माता जगरनाथी द्वारा हरी झंडी दिखाते ही रथ मैदान से शुरू हुई और अस्थाई शिविर तक पहुंची। इस उत्सव के लिए सुबह से ही घाटी के लोगों की आस्था में रचे-बसे, देवरथ व पालकियां कुल्लू में पहुंची।
दोपहर बाद रंगीन एवं सुंदर पालकी से सुसज्जित अपने पूर्ण वैभव के साथ विराजमान देवभूमि कुल्लू के अधिष्ठाता देव भगवान् रघुनाथ जी को पालकी में बिठा कर उनके सुल्तानपुर स्थित मूल मंदिर से ढालपुर मैदान तक लाया गया। फिर पूरे विधि-विधान से रघुनाथ की मूर्ति को मैदान के एक छोर में पहले से सजे खड़े रथ में स्थापित किया गया। फिर रथ यात्रा शुरू हुई तो यहां आए देवता भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में आगे बढ़े।
वाद्य यंत्रों की गूंज के बीच रथयात्रा आगे बढ़ी। भगवान रघुनाथ के रथ को भक्तों ने खींचते हुए आगे बढ़ाया। फिर ये रथ ढालपुर मैदान के बीच बने अस्थाई कैंप के सामने पहुंचे जहां भगवान रघूनाथ को ठहराया। बाकी देवता भी यहीं और आसपास बने अस्थाई शिविरों ठहराया गया।