जिला सोलन के कसौली में होटलों द्वारा किए गए अवैध निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए उन्हें तोड़ने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि 15 दिन में अवैध निर्माण तोड़े जाएं। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि पैसे कमाने के लिए लोगों की जिंदगी खतरे में डाली गई। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद करीब 13 होटलों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल परमजीत सिंह पटवालिया ने कहा था कि इस मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार, हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कैंटोंमेंट बोर्ड को पक्षकार बनाया जाए।
याचिकाकर्ताओं ने एनजीटी के फैसले पर रोक लगाने की मांग भी की। लेकिन, कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया और निर्देश दिया कि वे अतिरिक्त बनाये गये कमरों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि एनजीटी का ये आदेश स्वत: संज्ञान के आधार पर है। इसकी किसी ने शिकायत नहीं की। उसी आधार पर एनजीटी ने सभी निर्माण के लिए आदेश जारी कर दिया जिसमें अनधिकृत निर्माण भी शामिल हैं।
कोर्ट ने कहा कि आपको दो ब्लॉक की अनुमति दी गई और अपने चार ब्लॉक बनवा डाले। आपने पहाड़ काटकर पार्किंग लाट बनाए। ऐसे निर्माण के लिए बिजली और पानी की सप्लाई की अनुमति नहीं दी जा सकती है। आपने अपने अवैध निर्माण को हटाने का आफर भी नहीं दिया।
16 जून 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर स्टे लगा दिया था। 30 मई 2017 को एनजीटी ने कसौली में पांच होटल्स को अनधिकृत निर्माण का दोषी पाया था और उन्हें गिराने का आदेश दिया था। इन पांचों होटल्स पर 5 से 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। इन होटल्स के खिलाफ सोसायटी फॉर प्रिजर्वेशन ऑफ कसौली एंड इट्स इनविरॉनमेंट नामक एनजीओ ने एनजीटी में याचिका दायर की थी।