सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के लिए 53 जन कल्याण की परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है। जस्टिस एल.एन राओ की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इन परियोजनाओं में कटने वाले पेड़ों जगह पौधारोपण कार्य के लिए जमीन को चिन्हित करने का कार्य प्रदेश सरकार का है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश दे चुका है कि पौधारोपण कार्य की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ही है। अब इन विकास कार्यों को हरी झंडी मिलने के बाद सरकार 23,572 हैक्टेयर भूमि इन परियोजनाओं के स्थनांतरित कर पाएगी। 53 में से 47 परियोजनाओं में सड़क निर्माण का कार्य किया जाना है। इन सभी कामों में कुल 262 पेड़ काटे जाने हैं। और एन से 21,902 लोगों को सुविधा मिलने के आसार हैं।
अपने एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने वन विभाग की भूमि को स्थनांतरित करने के लिए ग्रीन बेंच की मंजूरी अनिवार्य कर दी थी।
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