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Watch:चंबा की सीमा ने रचा इतिहास, जर्मनी में भारत को दिलाया रजत

चंबा की सीमा ने राइन-रूहर विश्व विश्वविद्यालय खेलों में जीता रजत पदक
5000 मीटर दौड़ में ऐतिहासिक प्रदर्शन, भारत की पहली महिला बनी पदक विजेता
10000 मीटर स्पर्धा में गलती से वंचित रहने के बाद भी दिखाई जबरदस्त वापसी

पराक्रम चंद



चंबा (हिमाचल प्रदेश), 27 जुलाई। हिमाचल के चंबा जिले के छोटे से गांव रेटा की बेटी सीमा ने विश्व मंच पर भारत और प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। सीमा ने जर्मनी के राइन-रूहर में आयोजित 2025 विश्व विश्वविद्यालय खेलों (World University Games) में महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह पहला अवसर है जब किसी भारतीय महिला एथलीट ने 5000 मीटर की इस प्रतिस्पर्धा में विश्व विश्वविद्यालय स्तर पर पदक हासिल किया हो।

सीमा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए दुनिया की शीर्ष एथलीटों को पछाड़ा और भारत के लिए रजत पदक लेकर आई। उनके इस शानदार प्रदर्शन से हिमाचल प्रदेश, खासकर चंबा में खुशी की लहर दौड़ गई है।

हालांकि सीमा के लिए यह सफर आसान नहीं था। उसे 10000 मीटर की स्पर्धा से ठीक एक दिन पहले आयोजकों द्वारा बाहर कर दिया गया, क्योंकि भारतीय दल के अधिकारियों ने उसके नाम की समय रहते पुष्टि नहीं की थी। यह गलती इतनी बड़ी थी कि सीमा को एक संभावित स्वर्ण पदक से वंचित होना पड़ा। सीमा इस स्पर्धा की सबसे मजबूत दावेदारों में से एक मानी जा रही थी।

लेकिन सीमा ने इस प्रशासनिक लापरवाही को हावी नहीं होने दिया। 5000 मीटर फाइनल में उसने पूरी ताकत झोंक दी और सभी बाधाओं को पार करते हुए दूसरे स्थान पर आकर रजत पदक जीत लिया।

सीमा की इस जीत ने न केवल चंबा जिले को गर्व से भर दिया है, बल्कि पूरे देश के लिए यह एक प्रेरणादायक कहानी बन गई है। एक तरफ जहां ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में बेहतर प्रबंधन की जरूरत उजागर हुई है, वहीं सीमा का हौसला, संकल्प और मेहनत देश की नई पीढ़ी के लिए मिसाल है।