पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने का मुद्दा प्रदेश भर में गरमा गया है। इस मामले को लेकर जहां विभिन्न ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं एसएफआई ने भी आज सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इस मामले की जांच सिटींग जज से करवाने की मांग की है।
एसएफआई के राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली होना और उसका रद्द होना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इस तरह से पुलिस भर्ती पेपर का लीक होना अन्य परीक्षाओं को भी संदेह के घेरे में लाता है। प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इस तरह से परीक्षाओं के रद्द होने से युवाओं में हताशा है। पुलिस परीक्षा आयोजित करने में जहां करोड़ों रुपया खर्च किया गया वहीं इसका रद्द होने से अभिवावकों पर भी महंगाई के दौर में इसका अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। प्रदेश में आज लाखों युवा रोजगार के इंतजार में है। परन्तु सरकार भर्ती की प्रक्रिया को सुचारू रूप से नहीं कर पा रही है। जो भर्ती प्रक्रिया की भी जा रही वह भी सवालों के घेरे में है।
प्रदेश सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कर सत्ता में आई थी। इससे पहले भी अन्य परीक्षाओं में धांधली हुई है जिससे सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठता है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच उच्च न्यायालय की देखरेख मे आसीन जज के द्वारा निष्पक्ष जांच करवाई जाए। यह इसलिए भी आवश्यक है कि यह पुलिस विभाग जिसका जिम्मा कानून व्यवस्था बनाए रखने का है उससे जुड़ा हुआ मुद्दा है और पुलिस विभाग स्वयं मुख्यमंत्री जोकि गृह मंत्रालय भी देखते हैं। अतः पुलिस विभाग व गृह मंत्रालय से जुड़े होने के नाते पुलिस विभाग की जांच पर सवालिया निशान लगने की संभावना अधिक रहेगी।