वामपंथी पार्टियों के द्वारा महंगाई के विरुद्ध 25 से 31 मई, तक देशव्यापी अभियान चलाया गया। इसके तहत आज शिमला में उपायुक्त कार्यालय के बाहर सीपीआईएम ने प्रदर्शन किया। इस दौरान लोअर बाज़ार होते हुए नाज तक रैली भी निकाली गई।
सीपीआईएम जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि बीते 8 साल में मोदी की बीजेपी सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियों के चलते देश में महंगाई, बेरोजगारी और कृषि का संकट तेजी से बड़ा है। इससे देश की आम जनता विशेष रूप में मेहनतकश वर्ग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और उसके रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
देश में बीजेपी के नेतृत्व में मोदी सरकार के द्वारा लागू की जा रही नीतियों के कारण आज देश में महंगाई बढ़ने की दर कई दशकों में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अप्रैल माह में थोक महंगाई दर 15.08% और खुदरा महंगाई दर 7.79% रही है। देश में पेट्रोलियम पदार्थों, खाद्य व अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। मोदी सरकार की नीतियों के कारण आज पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस, सरसों का तेल, आटा, दूध, सब्जियां व अन्य आवश्यक वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों में एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि कर लोगों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। जहां 2014 में पेट्रोल पर 9.48रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी ली जाती थी, वहीं सरकार द्वारा अब भी पेट्रोल- डीज़ल की कीमतों में कटौती के बावजूद पेट्रोल पर 19.90रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 15.80रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी ली जा रही है। उन्होंने मांग की है कि खाद्य व अन्य आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी व मुनाफाखोरी पर तुरन्त रोक लगाई जाए। ऐसा नहीं किया गया तो सीपीआईएम आंदोलन तेज करेगी।