साल 2022 मई माह में नगर निगम शिमला के चुनाव प्रस्तावित हैं। इससे पहले शिमला की सियासत गरमाने लगी है। नगर निगम शिमला के चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल भी माना जाता है। ऐसे में शिमला की ठंडी फ़िज़ाओं में सियासत का गरमाना लाज़मी है। साढ़े चार साल तक चुप रहने के बाद पार्षद का चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले लोग सक्रिय हो गए हैं। इसी के चलते भट्टाकुफर वार्ड के पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर पानी की समस्या और नए मर्ज एरिया को लेकर नगर निगम मेयर के दफ्तर के बाहर अकेले धरने पर बैठ गए।
नरेंद्र ठाकुर का कहना है कि नगर निगम शिमला में मर्ज किए गए वार्डों की हालत ख़स्ता है। जो वार्ड नगर निगम शिमला में मर्ज हुए हैं उन्हें 3 करोड़ ग्रांट के तहत 15-15 लाख रुपए दिए जाते थे जो अब बंद कर दी गई है। जिससे ये क्षेत्र विकास में पिछड़ रहे हैं। इसके अलावा इन क्षेत्रों और इनके साथ लगती पंचायतों में पानी की भारी किल्लत है। नरेंद्र ठाकुर का कहना है कि जब तक मेयर उन्हें मांगो को पूरा करने का आश्वासन नहीं देती है तब तक धरना जारी रहेगा।
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