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शिमला में बाहरी गाड़ियों को देनी होगी ग्रीन फीस, इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगी छूट

  • शिमला में बाहरी राज्यों के वाहनों पर लगेगी ग्रीन फीस, नगर निगम ने प्रस्ताव पारित किया

  • इलेक्ट्रिक वाहनों को ग्रीन फीस से छूट, नई दरें पुरानी दरों से कम रखी गईं

  • बैरियर नहीं, हाईटेक कैमरों और एसएमएस अलर्ट के जरिए होगी फीस वसूली


Shimla Green Fee Policy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों को अब ग्रीन फीस चुकानी होगी। नगर निगम की मासिक बैठक में महापौर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, अंतिम निर्णय सरकार की स्वीकृति के बाद लिया जाएगा।

नगर निगम लंबे समय से ग्रीन फीस वसूली की योजना बना रहा था, लेकिन दस वर्षों से इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इस बार निगम ने फीस की दरें घटाकर और वसूली प्रणाली को आधुनिक बनाकर नया प्रस्ताव तैयार किया है।


किसे छूट और कैसे होगी वसूली?

  • इलेक्ट्रिक वाहनों को ग्रीन फीस से छूट दी गई है।

  • शहर के स्थानीय निवासी जिनके पास बाहरी राज्यों की गाड़ियां हैं, वे नगर निगम से प्रमाण पत्र बनवाकर फीस से बच सकते हैं।

  • अब किसी बैरियर पर रोककर फीस नहीं वसूली जाएगी। शहर के प्रवेश द्वारों पर हाईटेक कैमरे लगाए जाएंगे, जो बाहरी नंबर प्लेट की पहचान करेंगे।

  • आरटीओ के रिकॉर्ड से वाहन मालिक को एसएमएस के जरिए फीस का अलर्ट भेजा जाएगा।

  • 24 से 48 घंटे में ऑनलाइन भुगतान करना होगा, अन्यथा पुनः रिमाइंडर भेजा जाएगा।

  • भुगतान डेबिट, क्रेडिट, नेट बैंकिंग और क्यूआर कोड के माध्यम से किया जा सकेगा।


ग्रीन फीस की नई दरें

वाहन प्रकार नई दरें पुरानी दरें
दो पहिया ₹30 ₹50
छोटी कार ₹80 ₹200
मालवाहक वाहन ₹100 ₹200
ट्रक/बस ₹200 ₹300

स्मार्ट सिस्टम से होगी निगरानी


इस बार वसूली को अधिक स्मार्ट और डिजिटल बनाने की योजना है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत तैयार किए गए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से इन हाईटेक कैमरों को जोड़ा जाएगा। पहले 2014 में भी यह योजना लागू की गई थी, लेकिन बैरियर विवाद के कारण इसे रोक दिया गया था।

नगर निगम का दावा है कि ग्रीन फीस से होने वाली आय को पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यों में खर्च किया जाएगा, जिससे शिमला की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहे।