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शिमला: रिज मैदान में बारिश के बीच शहरी विकास मंत्री ने ली परेड की सलामी

पी. चंद |

76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शिमला के रिज मैदान में जिला स्तरीय कार्यक्रम का अयोजन किया गया. कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ध्वजारोहण किया. इस दौरान पुलिस की परेड आकर्षण का केंद्र रही. भारी बारिश के बावजूद पुलिस बल का जोश नहीं डिगा और पूर्ण कर्तव्य निष्ठा के साथ देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले भारत मां के वीर सपूतों को याद किया गया.

76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आज देश ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं. आजादी के अमृत 75 साल पूरे होने पर देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान के जरिए लोगों को देश की आजादी में बलिदान हुए वीरों को याद करने की मुहिम को छेड़ा है.

आजादी के बाद की पीढ़ी को देश की आजादी की महत्ता का पता लगे, इसके लिए हर साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वीर सपूतों को याद किया जाता है. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने देश की आजादी के लिए शहादत देने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

15 अगस्त 1947 से लेकर आज तक 75 वर्ष बीत गए, पर आज जहां हम खड़े हैं क्या यही गांधी जी का अभिषिप्त भारत है. क्या उनके रोम- रोम प्राण आत्मा में जहां भारत बसा था क्या उन स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों,दीवानों व सर्वस्व बलिदानियों का भारत है. जो दुर्दम आतातायी विदेशी आक्रांताओं से संघर्ष करते हुए हमेशा उनकी प्रत्येक अंतर्मन की धड़कन में विद्यमान रहता था. जिन्होंने भारत माता की पुनः प्रतिष्ठा के लिए अपने जीवन की बाजी लगा दी थी.

वंदे मातरम का उद्घोष करते हुए भारत माता की जयकार करते ना जाने कितने ही शहीदों ने हंसते -हंसते स्वतंत्रता की बलिवेदी पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे लेकिन भारत माता की गरिमा एवं महिमा को बट्टा नहीं लगने दिया.

उनके जेहन में फांसी का फंदा, काला पानी और भी मानवीय यातनाएं सब मंजिले मकसूद के सामने तुच्छ थी. लेकिन मिला क्या विभाजन की बहुत बड़ी कीमत चुका कर 15 अगस्त 1947 को भारत को राजनीतिक दासता से मुक्ति मिली. विभाजन ने देश को अमिट घाव दिए, लाखों-करोड़ों जिंदगियां तबाह हो गई.