उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी विनोद योगाचार्य ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजे एक पत्र में कहा है कि शिमला शहर के सीवरेज समेत इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से निकलने वाला खतरनाक पानी बिना शुद्ध किए शिमला ग्रामीण 20 अधिक पंचायतों के हजारों लोगों को सप्लाई किया जा रहा है। इससे आसपास के क्षेत्रों में भीषण दुर्गंध और गंदगी का माहौल है।
उनका कहना है कि शिमला नगर निगम कि इस आपराधिक लापरवाही से हजारों लोगों, पालतू मवेशियों और जंगली जानवरों को खतरा पैदा हो गया है। इसके अलावा खेतों में सब्जियों की फसल भी इससे खराब हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से तुरंत कदम उठाने और दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
विनोद योगाचार्य ने बताया कि शिमला ग्रामीण के बरमू स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पानी को बिना शुद्ध किए दाड़गी- सैंज उठाऊ पेयजल योजना को जाने वाली खड्ड (आईजीएमसी नाला) में छोड़ा जा रहा है। यह मलमूत्र और आईजीएमसी की खतरनाक गंदगी वाला पानी गांव निहारी, बड़फर, गौसदन चैड़ी, और क्यार कोटी होते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में जाता है।
उन्होंने बताया कि मडोड़ घाट, जाबरी, ज्यूणी, शकराह, रेयोग, घनाहट्टी, चलाहल, धुधाल्टी, कोटला, धमून, थाची, बाईचीड़ी, पोखरू, टूटू , चनावग, नेहरा, शोघी, हलोग, ढेंडा, पीपलीधार आदि पंचायतों में यह खतरनाक पानी सप्लाई हो रहा है।
विनोद योगाचार्य ने कहा कि बरमू का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अक्सर खराब रहता है जिससे हजारों लोगों के जीवन को खतरा पैदा होता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में तुरंत सख्त कार्यवाही करने की मांग की है
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