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19 वर्ष की सिरमौर की कृतिका शर्मा ने माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा, बनी हिमाचल की पहली एनसीसी कैडेट

  • सिरमौर की कृतिका शर्मा ने माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा, बनी हिमाचल की पहली एनसीसी कैडेट

  • मात्र 19 वर्ष की उम्र में रचा इतिहास, फहराया कॉलेज और एनसीसी का ध्वज

  • एवरेस्ट चढ़ाई अभियान में सबसे युवा सदस्य, दुर्गम परिस्थितियों में दिखाई अद्वितीय साहस



हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के एक छोटे से गांव गत्ताधार की कृतिका शर्मा ने अपनी असाधारण उपलब्धि से न केवल अपने क्षेत्र, बल्कि पूरे प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। मात्र 19 वर्ष की उम्र में कृतिका ने माउंट एवरेस्ट की ऊंची चोटी पर भारतीय तिरंगा, एनसीसी और अपने कॉलेज का झंडा फहराकर इतिहास रच दिया। यह पर्वतारोहण उपलब्धि इसलिए भी विशेष मानी जा रही है क्योंकि कृतिका संभवतः भारत की सबसे युवा महिला एनसीसी कैडेट बन गई हैं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया है।

कृतिका ने 18 मई को एवरेस्ट की चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी की। वहां उन्होंने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी राजकीय महाविद्यालय, पांवटा साहिब का ध्वज भी तिरंगे और एनसीसी झंडे के साथ फहराया। यह एक बेहद साहसी निर्णय था क्योंकि एवरेस्ट जैसी खतरनाक चढ़ाई में हर अतिरिक्त ग्राम वजन घातक साबित हो सकता है। फिर भी कृतिका ने अपने संस्थानों का गौरव बढ़ाने के लिए यह जोखिम उठाया।

एनसीसी एवरेस्ट अभियान टीम में 10 कैडेट, 4 अधिकारी, 2 जूनियर कमीशन अधिकारी, 1 महिला प्रशिक्षक और 10 एनसीओ शामिल थे। इस टीम को 3 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से रवाना किया था। टीम में कृतिका सबसे कम उम्र की पर्वतारोही थीं। नेपाल के अनुभवी शेरपाओं ने भी कृतिका और उनकी टीम की मानसिक दृढ़ता और शारीरिक क्षमता की सराहना की है।

कृतिका अब सुरक्षित रूप से बेस कैंप लौट चुकी हैं, और उनके इस ऐतिहासिक प्रयास पर क्षेत्र भर में गर्व और प्रसन्नता की लहर है। उनके इस साहसिक अभियान के पीछे उनकी अनुशासनप्रियता, कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास छिपा है। जहां उनके गांव में शायद पर्वतारोहण शब्द भी अधिकांश लोग नहीं जानते, वहां से निकलकर एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचना हिमाचल की बेटियों के हौसले और काबिलियत का प्रमाण है।