हिमाचल प्रदेश की राजधानी व पहाड़ों की रानी शिमला पहले एक छोटा गाँव हुआ करता था. इतिहासकारों की माने तो 1806 में नेपाल के भीमसेन थापा ने हिमाचल क्षेत्र पर आक्रमण किया और शिमला तक कब्जा कर लिया. 1814 में शुरू हुए और 1816 तक चले एंग्लो-नेपाली युद्ध में उनकी हार हुई और ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया.
वहीं ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस क्षेत्र का नियंत्रण पटियाला के महाराजा को हस्तांतरित कर दिया, जिन्होंने पुरस्कार के रूप में युद्ध के दौरान ब्रिटिशों के साथ गठबंधन किया था.अंग्रेजी राजनीतिक एजेंट इस क्षेत्र का दौरा करते रहे और उन्होंने आवास के लिए घर बनाए. 1864 में अंग्रेजों ने शिमला को देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया. मैदानी इलाकों की धूल मिट्टी से बचने के लिए अंग्रेजों ने शिमला को राजधानी के लिए चुना था.1946 में भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के नेताओं ने एक महत्वपूर्ण सम्मेलन के लिए शिमला एकत्र हुए और आजादी के लिए स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया.
1903 में कालका-शिमला संकीर्ण रेलवे लाइन के पूरा होने से, कस्बों के विकास को बढ़ावा मिला. स्वतंत्रता के बाद, शिमला शुरू में पंजाब की राजधानी रही और उसके बाद हिमाचल प्रदेश के निर्माण के बाद 1966 में हिमाचल प्रदेश की राजधानी को नामित किया गया था. आजादी के बाद जिलों के पुनर्गठन के बाद 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश राज्य का जन्म हुआ. यह राज्य 28 रियासतों के विलय का परिणाम था जो इस क्षेत्र में स्थित थीं.
26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान के लागू होने पर हिमाचल प्रदेश को भाग सी राज्य घोषित किया गया था. 1956 में, हिमाचल प्रदेश एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया. वहीं 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश संघीय भारत का अठारहवाँ राज्य बन गया और शिमला को राज्य की राजधानी घोषित किया गया.
Himachal building map approval fees: हिमाचल प्रदेश में अब मकान या व्यावसायिक भवन निर्माण और…
Himachal snowfall forecast: हिमाचल प्रदेश में आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) के सक्रिय होने का पूर्वानुमान…
Rohru road accident: शिमला जिले के रोहड़ू में बीती शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा…
Vivah Muhurat 2025: हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त के बिना किसी भी शुभ कार्य की…
Daily horoscope 2024 : चंद्रमा की गणना और सटीक खगोलीय विश्लेषण के आधार पर शनिवार का…
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…