मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार देर सायं शिमला के गेयटी थियेटर में नाटक ‘रावी पार’ के मंचन पर बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। रिक्रिएशन आर्ट एंड कल्चरल क्लब हिमाचल प्रदेश सचिवालय, द लिटल ग्रुप क्लब और भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम से अर्जित आय आपदा राहत कोष में प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने नाटक के बेहतर प्रस्तुतिकरण के लिए हिमाचल प्रदेश सचिवालय के कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य विकट वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहा है लेकिन राज्य सरकार नीतिगत परिवर्तन और नए कानूनों से इस स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि सरकार संसाधन जुटाने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है और सभी के सहयोग से हिमाचल आगामी चार वर्षों में आत्मनिर्भर और दस वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनकर उभरेगा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस समय राज्य बरसात में आई आपदा की त्रासदी के दौर से गुजर रहा है। महत्त्वपूर्ण सड़कों और अन्य बुनियादी सुविधाओं को बहाल करने के लिए राज्य सरकार दिन-रात प्रयासरत है। किसानों और बागवानों के उत्पादों को बाजार तक पहंुचाने और उनके वित्तीय नुकसान को कम करने के दृष्टिगत परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए अस्थाई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों की मदद करने के लिए संवदेनशील है। उन्होंने चंद्रताल में चलाए गए बचाव अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी के नेतृत्व में यह असाधारण बचाव अभियान चलाया गया।
उन्होंने कहा कि 14000 फीट की ऊँचाई पर चन्द्रताल झील में माइनस चार डिग्री तापमान में फंसे 300 लोगोें को बचाने में इन दोनों के व्यक्तिगत प्रयास भी सराहनीय रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण एवं रोजगारपरक शिक्षा और उन्नत प्रौद्योगिकी से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।