Follow Us:

शिमला की ढली मंडी में गुठलीदार फलों की बहार, बागवानों को राहत

|

ढली फल मंडी में गुठलीदार फलों की आवक से रौनक
बादाम, चेरी, पलम और खुमानी को मिल रहे अच्छे दाम
सेब से पहले स्टोन फ्रूट बना बागवानों की नई उम्मीद


शिमला, पराक्रम चंद:  ढली फल मंडी इन दिनों गुठलीदार फलों (स्टोन फ्रूट) से गुलज़ार हो गई है। ऊपरी शिमला से बड़ी संख्या में बागवान मंडी पहुंच रहे हैं और बादाम, चेरी, पलम और खुमानी जैसी फसलों के अच्छे दाम मिल रहे हैं। इस बार स्टोन फ्रूट की फसल न केवल अच्छी हुई है, बल्कि बाजार में मांग भी जबरदस्त है, जिससे बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं। आढ़ती भी इस रुझान से काफी संतुष्ट हैं और मानते हैं कि हिमाचल के स्टोन फ्रूट की देश-विदेश में बढ़ती मांग ने इसे सेब के समानांतर एक मज़बूत विकल्प बना दिया है।

ढली फल मंडी में बादाम के एक किलो के बॉक्स को 200 से 300 रुपए तक का मूल्य मिल रहा है, वहीं पलम 150 रुपए, चेरी 120 रुपए और खुमानी 50 से 100 रुपए प्रति बॉक्स के भाव में बिक रही है। इस समय बागवानों के ट्रक और वाहन इन फलों से लदे मंडी पहुंच रहे हैं, जहां खरीदारों की भीड़ भी बढ़ गई है। मंडी में कारोबारियों का कहना है कि हिमाचल का स्टोन फ्रूट अब सिर्फ क्षेत्रीय उपभोग तक सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बना रहा है।

बागवानों का कहना है कि सेब की फसल पर इस बार मौसम की मार पड़ी है, जिससे उन्हें स्टोन फ्रूट से काफी उम्मीदें हैं। स्टोन फ्रूट की नई वैरायटी और बेहतर उत्पादन तकनीक ने इसे सेब से पहले मुनाफे वाली फसल बना दिया है। बागवानों को उम्मीद है कि जैसे ही सेब की अगेती किस्म (Early Variety) मार्केट में आएगी, उसे भी बेहतर दाम मिलेंगे, क्योंकि इस बार स्टोन फ्रूट ने जो बाजार भाव बनाया है, उससे खरीदारों की रुचि और प्रतिस्पर्धा बढ़ी है।

फलों की यह तेजी न केवल बागवानी क्षेत्र में संतोष का विषय है, बल्कि राज्य की आर्थिकी और रोज़गार सृजन के लिहाज से भी सकारात्मक संकेत दे रही है। मंडी में गतिविधि बढ़ने से परिवहन, पैकेजिंग, ठेकेदारी और अन्य सहायक क्षेत्रों में भी रौनक आ गई है।