राजधानी शिमला में स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव करने वाली कंपनी के खिलाफ नगर निगम सख्त हो गया है. कंपनी द्वारा खराब स्ट्रीट लाइट को ठीक नही किया जा रहा. जिसके चलते अब कम्पनी को नगर निगम ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी में है. शुक्रवार को नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में शहर की स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था को लेकर एक बैठक हुई. इसमें बिजली बोर्ड के अधिकारियों से लेकर शहर में स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव संभालने वाली कंपनी के पदाधाकिरयो ने भी मौजूद रहे.
आउटसोर्स पर काम कर रही तीसरी कंपनी के अधिकारियों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया. राज्य बिजली बोर्ड शहर में स्ट्रीट लाइट के पोल लगाने का काम खुद करता है. उन्होंने स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का काम एक निजी कंपनी को सौंप रखा है. इस कंपनी ने भी आगे किसी दूसरी फ्लोरिडा नाम की निजी कंपनी के माध्यम से इस काम को शहर में करवा रही है. नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कंपनी को सोमवार से रखरखाव का काम शुरू करने का अल्टीमेटम दिया. यदि इसमें देरी होती है. तो कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. इसके बाद कंपनी शहर में वह किसी भी तरह का काम नहीं ले सकेगी.
नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि शहर में 300 से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें मंजूर है. ये नगर निगम के पास पड़ी है. इन लाइटों को ऐसे स्थानों पर लगाया जाएगा जहां पर स्ट्रीट लाइटों की सबसे ज्यादा समस्या है.
शहर में 1000 स्ट्रीट लाइटें नई लगाई जानी है. इसके लिए भी शहर के सभी वार्डों में पार्षदों से उनकी प्राथमिकता मांग ली है. उनकी प्राथमिकता के आधार पर और लोगों की जरूरत को देखते हुए स्ट्रीट लाइटों का लगाया जाना प्रस्तावित है.