Categories: हिमाचल

रिसर्च वर्क में पिछड़ रहे हिमाचल के स्टूडेंट्स, HPU समेत निजी विवि को सरकार ने लगाई फटकार

<p>हिमाचल प्रदेश में बेहतर शिक्षा को लेकर किए जा रहे दावों की पोल एक बार फिर खुल गई है। प्रदेश में छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए कई निजी विश्वविद्यालय खोल तो दिए, लेकिन हैरानी की बात है कि एक भी विश्वविद्यालय बड़े स्तर पर शोध कार्य नहीं कर पाया। हैरानी की बात है कि भारत सरकार श्रेष्ठ भारत-उन्नत भारत शोध के तहत निजी और सरकारी विश्वविद्यालय को रिपोर्ट देने के बाद 50000 से लेकर करोड़ों रुपए तक की राशि स्वीकृत करती है। हिमाचल में एक भी ऐसा विश्वविद्यालय नहीं है, जिसने भारत सरकार के तहत शुरू किए गए श्रेष्ठ भारत और उन्नत भारत के तहत शोध करवाए हों।</p>

<p>जानकारी के अनुसार प्रदेश विश्वविद्यालय भी छात्रों से भारत सरकार की योजना श्रेष्ठ भारत-उन्नत भारत के तहत शोध नहीं करवा पाया है। प्रदेश के इतने बड़े शिक्षण संस्थानों की इस देरी की वजह से आज भी हिमाचल के छात्र कई ऐसी जानकारियों से वंचित रह रहे हैं, जिनके बारे में जानना उनके लिए बहुत आवश्यक था। हैरानी की बात है कि प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय छात्रों से लाखों रुपए की फीस वसूलते हैं, लेकिन शोध कार्य करने में जीरो हैं। ऐसे में इस दौर में युवा वर्ग को श्रेष्ठ भारत-उन्नत भारत की नीतियों और योजनाओं को समझने में दिक्कतें आ रही हैं। प्रदेश विश्वविद्यालय सहित निजी विश्वविद्यालय में अभी तक उन्नत भारत-श्रेष्ठ भारत पर नहीं किए गए शोध कार्य पर राज्य सरकार ने भी संस्थानों को फटकार लगाई है।</p>

<p>राज्य सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों को कहा है कि छात्रों के हित में किए जाने वाले शोध कार्य अभी तक क्यों नहीं किए गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार जल्द ही सभी निजी विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर सकती है। हालांकि बताया जा रहा है कि सरकार ने सभी निजी विश्वविद्यालयों को फटकार लगाते हुए कहा है कि अभी तक जब विश्वविद्यालयों में शोध ही नहीं किया गया तो संस्थान में छात्रों को पढ़ाया क्या गया। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों की सूची बना दी है, जिसमें प्रदेश विवि भी शामिल है। इन सभी शिक्षण संस्थानों को अलग-अलग नोटिस भेजा जाएगा और अभी तक शोध कार्य न करने का कारण भी पूछा जाएगा। बता दें कि भारत सरकार के उन्नत भारत-श्रेष्ठ भारत के तहत किए जाने वाले शोध में शुरू&nbsp; में संस्थान को ही अपनी तरफ से बजट खर्च करना पड़ता है।</p>

<p>जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने सभी राज्यों के सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों को यह निर्देश दिए थे, कि वे उन्नत भारत, श्रेष्ठ भारत के तहत शोध कार्यो को करें। हैरानी की बात है कि भारत सरकार से कई राज्यों से शोध के बाद रिपोर्ट आई है, लेकिन हिमाचल से एक भी निजी शिक्षण संस्थान शोध की रिपोर्ट नहीं भेज पाए है। ऐसे में भारत सरकार ने भी हिमाचल में अभी तक शोध न किए जाने का कारण पूछा है।&nbsp; फिलहाल शोध न करने का जो भी कारण रहा हो, लेकिन राज्य सरकार ने अब सभी निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द ही शोध कार्य पूरा करें और राज्य सरकार व भारत सरकार को रिपोर्ट सौंपें। ऐसा न करने वाले विश्वविद्यालयों पर अब कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।</p>

Samachar First

Recent Posts

इनर व्हील क्लब शिमला मिडटाउन ने ग्राम पंचायत घूंड में आयोजित किया निशुल्क चिकित्सा शिविर

Free Medical Camp Shimla :  विभाग हिमाचल प्रदेश, इनर व्हील क्लब शिमला मिडटाउन और ग्राम…

39 minutes ago

पोर्टमोर स्कूल को ‘मुकुट का गहना’ कहते हुए शिक्षा मंत्री ने की तारीफ

शिक्षा मंत्री ने पोर्टमोर स्कूल में नवाजी प्रतिभावान एवं मेधावी छात्राएं शिमला: शिक्षा मंत्री रोहित…

1 hour ago

18 से 21 दिसंबर तक धर्मशाला के तपोवन में तपेगा शीतसत्र

HimachalWinterSession : हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने जानकारी दी कि…

2 hours ago

अणु में अग्निवीर भर्ती की तैयारियों का डीसी ने किया निरीक्षण

हमीरपुर: अणु के सिंथेटिक ट्रैक ग्राउंड में भारतीय थल सेना की अग्निवीर भर्ती रैली के…

2 hours ago

चैरिटेबल अस्पताल बंद होने का विरोध: राजनीति के रंग में सड़कों पर उतरी भीड़

  Bhota Charitable Hospital protest: राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा को बंद किए जाने के…

2 hours ago

“जल रक्षकों का इंतजार खत्म: 184 बने पंप अटेंडेंट”

Pump Attendant Promotion : हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से सेवाएं दे…

2 hours ago