<p>भाजपा किसान मोर्चा हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित किसान प्रतिनिधि कार्यशाला का समापन कृषि भवन में हुआ। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा डॉ राकेश बबली, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने संबोधन में कहा कि प्राकृतिक खेती की शुरुआत 9 मार्च को मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। पिछले वर्ष इस योजना के अंतर्गत ₹250000000 का प्रावधान हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा किया गया था। जिसके तहत किसानों को खेतों में जाकर जानकारी दी जाएगी।</p>
<p>इसके साथ ही किसानों को गाय खरीदने के लिए प्रदेश सरकार 25 हजार देगी और उस गाय को लाने के लिए सरकार द्वारा 5 हजार किराया भी निश्चित किया गया है। 2022 तक 9.61 लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा रखा गया है। इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में करें जिससे किसानों को प्राकृतिक खेती की जानकारी वह उस खेती से होने वाले फायदे आम लोगों तक पहुंचे मोर्चा पिछले कई वर्षों से किसानों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाकर उनके समाधान के लिए प्रदेश सरकार के साथ लगातार संपर्क में है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि डॉ राकेश बबली किसान मोर्चा को 2020 तक हिमाचल प्रदेश में किसान मोर्चा की आय को दोगुना करने में प्रयास करेंगे।</p>
<p>प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना कृषि विभाग द्वारा इस कार्यशाला में कृषि विभाग शिमला द्वारा भी इस कार्यशाला में उपस्थित सभी पदाधिकारी को जानकारी देते हुए विशेष सचिव कृषि विभाग राकेश कंवर ने कृषि विभाग के सभी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी और वर्तमान में सुभाष पालेकर द्वारा प्राकृतिक खेती की प्रासंगिकता के बारे में प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल निर्देशक कृषि विभाग ने खाद कैसे बनाई जाए। बीजों का भंडारण कैसे हो किसान पौधों में छिड़काव के लिए दवाइयां कैसे बनाए इस बारे जानकारी दी।</p>
<p>उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से और गाय के गोमूत्र से विभिन्न प्रकार की दवाइयां और कीटनाशक बनाए जा सकते हैं। यह एक विज्ञानिक विधि भी है जीवामृत कैसे और छिड़काव कैसे करें और छिड़काव करने से इसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आएंगे कृषि विभाग कृषि उपकरणों पर अनुदान भी देता है। मुख्यमंत्री पॉलीहाउस योजना को 85% अनुदान और सेब की जाली जिसे हम एंटी हेल नेट भी कहते हैं। उनमें भी 80% अनुदान दिया जा रहा है इसी तरह विभिन्न योजनाओं जो सरकार द्वारा चलाई गई हैं। ऐसी 31 योजनाओं में कृषि विभाग अनुदान उपलब्ध करवाता है। हिमाचल प्रदेश में सबसे पहले प्राकृतिक खेती की शुरुआत महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा शुरू की गई थी। उसके बाद हिमाचल प्रदेश सरकार इसे शुरू किया गया है।</p>
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