● 12 लाख तक की आय पर टैक्स फ्री, नौकरीपेशा को ₹75 हजार की राहत
● TDS और TCS की लिमिट बढ़ी, विदेशी पढ़ाई और ब्याज आय पर टैक्स कम
● कस्टम ड्यूटी बदलाव से कई चीजें होंगी सस्ती, कुछ महंगी भी होंगी
Budget 2025 Changes: 1 अप्रैल 2025 से वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया नया बजट लागू हो गया है। इस बार के बजट में आम करदाताओं, नौकरीपेशा लोगों और कारोबारियों के लिए कई अहम बदलाव किए गए हैं। खासकर आयकर स्लैब में राहत, TDS और TCS की सीमा बढ़ने, यूलिप पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होने और कस्टम ड्यूटी में बदलाव जैसी घोषणाएं प्रभावी हो गई हैं। 1. टैक्स स्लैब में बदलाव: 12 लाख तक की आय पर छूट नई कर प्रणाली के तहत अब 12 लाख रुपए तक की आमदनी टैक्स फ्री होगी। स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत नौकरीपेशा लोगों को ₹75,000 की अतिरिक्त छूट मिलेगी। 20 से 24 लाख की आय पर 25% टैक्स का नया स्लैब जोड़ा गया है। पहले 30% टैक्स 15 लाख से ऊपर की आय पर लगता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 24 लाख कर दी गई है। इससे मध्यम और उच्च-मध्यम वर्ग को बड़ा फायदा मिलेगा। 2. TDS छूट बढ़ी: वरिष्ठ नागरिकों और किराए की आय वालों को राहत TDS छूट की सीमा बढ़ा दी गई है:
Budget 2025 Changes: 1 अप्रैल 2025 से वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया नया बजट लागू हो गया है। इस बार के बजट में आम करदाताओं, नौकरीपेशा लोगों और कारोबारियों के लिए कई अहम बदलाव किए गए हैं। खासकर आयकर स्लैब में राहत, TDS और TCS की सीमा बढ़ने, यूलिप पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होने और कस्टम ड्यूटी में बदलाव जैसी घोषणाएं प्रभावी हो गई हैं। 1. टैक्स स्लैब में बदलाव: 12 लाख तक की आय पर छूट नई कर प्रणाली के तहत अब 12 लाख रुपए तक की आमदनी टैक्स फ्री होगी। स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत नौकरीपेशा लोगों को ₹75,000 की अतिरिक्त छूट मिलेगी। 20 से 24 लाख की आय पर 25% टैक्स का नया स्लैब जोड़ा गया है। पहले 30% टैक्स 15 लाख से ऊपर की आय पर लगता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 24 लाख कर दी गई है। इससे मध्यम और उच्च-मध्यम वर्ग को बड़ा फायदा मिलेगा। 2. TDS छूट बढ़ी: वरिष्ठ नागरिकों और किराए की आय वालों को राहत TDS छूट की सीमा बढ़ा दी गई है:
- रेंट से होने वाली आय पर TDS की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई।
- वरिष्ठ नागरिकों की FD से ब्याज आय पर छूट ₹50 हजार से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई।
- प्रोफेशनल सर्विसेज पर TDS छूट अब ₹30 हजार से बढ़ाकर ₹50 हजार की गई। इससे कम आय वालों का टैक्स बोझ कम होगा और उनकी आय में राहत मिलेगी।
- 24 से 36 महीने के बीच 60% अतिरिक्त टैक्स
- 36 से 48 महीने के बीच 70% अतिरिक्त टैक्स



