हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मौजूदा धर्मांतरण रोधी कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक को पारित कर दिया. जिसमें मौजूदा कानून में सजा बढ़ाने का और ‘सामूहिक धर्मांतरण’ के उल्लेख का प्रावधान है. अधिनियम धोखाधड़ी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन, शादी या किसी भी कपटपूर्ण तरीके से धर्मांतरण को प्रतिबंधित करता है.
हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2022 में और अधिक कड़े प्रावधान शामिल किए गए हैं. अब पांच साल की जगह सजा का दस साल का प्रावधान किया गया है.
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा की धर्मांतरण बड़ी समस्या है. इससे आने वाले सालों में हिंदुओ की संख्या कम हो जायेगी. इसमें अब ये भी प्रावधान किया गया है की जो धर्मांतरण करेगा उसको सरकारी सुविधाएं नही मिलेगी. साथ ही गैर जमानती धाराओं का प्रावधान है.
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