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“मोदी की रैलियां व नड्डा का बहाया पसीना कितना होगा कारगर, इस पर लगी पूरे देश की नजरें”

बीरबल शर्मा |

विधानसभा चुनाव 2022 कई मायनों से देश की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं. देश में इस वक्त दो ही राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं जो राष्टीय  राजनीतिक परिदृष्य से एक छोटी सी गतिविधि हो सकती है.

हिमाचल प्रदेश तो यूं भी छोटा सा राज्य है और गुजरात भी उतर प्रदेश, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों की अपेक्षा छोटा व कम सीटों वाला है. इसके बावजूद इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणामों पर पूरे देश की नजरें हैं.

कारण यही है कि हिमाचल प्रदेश दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करती है के राष्टीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का गृह क्षेत्र है. ऐसे में यहां का परिणाम उनके राजनीतिक सफर का अहम पड़ाव होगा.

अच्छा बुरा परिणाम उनके कद को तो साबित करेगा ही, इसका असर आने वाले साल में देश के दस से अधिक राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा और परिणाम अनुकूल न रहने की स्थिति वह नड्डा विपक्ष के निशाने पर आ सकते हैं.

नड्डा हिमाचल के चुनावों को लेकर कितने गंभीर है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने प्रदेश में 20 चुनावी जनसभाएं की हैं. इसी तरह से गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा जुड़ा है. यहां का परिणाम नरेेंद्र मोदी की 2024 की पारी कैसे होगी इसका स्टार्ट अप तय करेगा.

यही कारण है कि राज्य जरूर छोटे हैं. मगर इसके परिणाम काफी बड़े होंगे. जिन पर पूरे देश व राजनीति के माहिरों की नजरें टिकी हैं. हिमाचल की बात करें तो प्रधानमंत्री ने चुनाव से पहले और चुनाव प्रचार के दौरान अपने ताबड़तोड़ व ऐतिहासिक दौरों से इसे भी अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ दिया है.

ऐसे में कहा यही जा रहा है कि हिमाचल का चुनाव परिणाम मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की प्रतिष्ठा से ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की प्रतिष्ठा से जुड़ा है. ऐसे में इन दो राज्यों के चुनाव परिणाम नतीजे यकीनन देश की राजनीति व दो बड़े दिग्गजों की प्रतिष्ठा को लेकर दूरगामी असर डाल सकते हैं.