हिमाचल प्रदेश पटवार कानूनगो महासंघ ने प्रदेश सरकार द्वारा शनिवार को विधानसभा में पारित करवाए गए राजस्व संशोधन विधेयक को एकतरफा कार्रवाई करार दिया है। महासंघ के प्रदेश प्रेस सचिव द्वारा जारी किए गए बयान में महासंघ ने सरकार से सवाल किया है कि वह यह तो बता दे कि पटवारियों व कानूनगो को कौन कौन से काम करने हैं और कौन कौन से नहीं करने हैं। इसका भी प्रावधान कानून किया जाए।
महासंघ ने साफ तौर पर कहा कि पटवार वृत्त और कानूनगो के वृत्त का पुनर्गठन किए बिना विधेयक में किए गए प्रावधान को लागू करना असंभव है। हिमाचल पहाड़ी क्षेत्र होने के दुर्गम एवं बिखरा हुआ भी है। अधिकतर समय आने जाने मे ही व्यतीत हो जाता है। पटवार वृत्त और कानूनगो वृत्त का पुनर्गठन पंचायत स्तर और तीन पटवार वृत्त पर एक कानूनगो वृत्त का सृजन होने और राजस्व कार्य के अतिरिक्त कार्यो को किसी दूसरी एजेंसी या विभाग से करवाए जाने पर ही तकसीम निशानदेही और इंतकाल का निष्पादन समयबद्ध और विधेयक के अनुरूप हो सकेगा।
महासंघ ने मांग की है कि इसके लिए अलग से कर्मचारी भर्ती किए जाएं, जो विभाग के अतिरिक्त राजस्व कार्य को कर सके। पटवारी कानूनगो को निशानदेही तकसीम कब्जा नाजायज इंतकाल और तहरीर जमाबंदी, गिरदावरी का समयबद्ध कार्य ही करवाए जाए। शेष कार्य के लिए अलग टीम गठित की जाए इसका भी कानून बनाया जाए और सम्मन बनाने और उनकी तामील के लिए कानूनगो स्तर पर एक डाटा एन्ट्री आपरेटर नियुक्त किया जाए जो निशान देही रिपोर्ट तकसीम के नकशा अ,ब,ज को तहरीर करने समन की तहरीर और बेदखल आदि कार्रवाई की रिपोर्ट भी तैयार कर सके।
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