हिमाचल

राज्यपाल ने नशा निवारण के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों को सराहा

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज ऊना जिला के हरोली से कांगड़ तक नशे के खिलाफ आयोजित ब्रिस्क वॉक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी उपस्थित थे। वॉक में समाज के हर वर्ग, विभाग और शिक्षण संस्थानों के लोग भी शामिल हुए।

इस नई पहल के साथ राज्यपाल ने हरोली से करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर नशे के विरूद्ध जन जागरूकता का संदेश दिया। इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री की पत्नी प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री, वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

शुक्ल ने कहा कि,‘‘मुझे खुशी है कि जिस भावना के साथ मैं हिमाचल में नशे के विरूद्ध अभियान चला रहा हूं, उसे सरकार, प्रशासन और समाज के सभी वर्गों का समर्थन और सहयोग प्राप्त हो रहा है। उप-मुख्यमंत्री ने नशे के विरूद्ध मेरे अभियान को और मजबूत किया है। मुझे यकीन है कि हिमाचल अब नशे के विरूद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए तत्पर है।’’

पदयात्रा के अंतिम पड़ाव कांगड़ में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने नशे के विरूद्ध नई पहल के साथ कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उप-मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की और कहा कि हिमाचल को नशामुक्त बनाना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि नशे की बुराई युवाओं के भविष्य से जुड़ी है और इस चुनौती से निपटने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देवभूमि में बढ़ते नशे के मामलों को लेकर चिंता जताई थी। जिसके दृष्टिगत उन्होंने हिमाचल में नशे के विरूद्ध जन आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा नशे के समूल नाश के लिए प्रधाव् जैसे अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह ड्रग तस्करों के विरूद्ध कानून में संशोधन के संबंध में केंद्र सरकार से बात करेंगे।

राज्यपाल ने कहा कि आज युद्ध केवल हथियारों से नहीं लड़े जाते, बल्कि देश के युवाओं को नशे की लत लगाकर अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध लड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा देश है और हमारे कुछ पड़ोसी देश ड्रग्स भेजकर यह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जेलों में लगभग 3000 कैदी हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत से अधिक कैदी नशीली दवाओं से संबंधित हैं।

उन्होंने कहा कि ऊना सीमावर्ती जिला होने के कारण नशा तस्करों के लिए संवेदनशील है और ऐसे में यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का संदेश दूसरे राज्यों तक पहुंचेगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने हेल्पलाइन नंबर 94180-64444 का शुभारंभ किया। उन्होंने नशा विरोधी अभियान को आगे बढ़ाने का संदेश देते हुए पोस्टर भी जारी किया।

उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि राज्यपाल के आह्वान पर उन्होंने इस मेगा अभियान की शुरुआत हरोली से की है। उन्होंने कहा कि यह नशे के विरूद्ध अंतरराष्ट्रीय लड़ाई है। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के अवैध व्यापार में संलिप्त व्यक्ति, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, वह देश और समाज का दुश्मन है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई युवा पीढ़ी के भविष्य की रक्षा के लिए है।

अग्निहोत्री ने कहा कि नशे से जुड़े कानूनों में बदलाव की जरूरत है। इसमें जमानत का प्रावधान नहीं होना चाहिए और ऐसे अवैध कारोबार में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त कर ली जानी चाहिए और इसके लिए केंद्र सरकार को सहयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव विधानसभा के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि सिंथेटिक ड्रग्स आज एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं और यह दूर-दराज के गांवों तक पहुंच गयी हैं। प्रदेश की सीमाओं से मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए हर स्तर पर कड़े पग उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को संरक्षण देने वालों को भी समाज के सामने लाना चाहिए। ऐसे लोगों का सार्वजनिक बहिष्कार होना चाहिए।

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हरोली से शुरू हुए इस महाअभियान को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि विकास के मामले में तो वे उनसे हर उम्मीद रख सकते हैं, लेकिन नशे के मामले में पकड़े जाने पर कोई भी सहयोग नहीं किया जायेगा।

इस अवसर पर कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि जनसंख्या की दृष्टि से नशे के प्रचलन में हिमाचल पंजाब के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि इसी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राज्य पुलिस ने प्रधाव् नाम से एक अभियान शुरू किया है। इसके तहत 160 स्कूलों के करीब 16000 विद्यार्थियों से ऑनलाइन चर्चा की गई।

इस वर्ष मार्च माह में राज्यपाल द्वारा एक ऑनलाइन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग विद्यार्थियों को नशे की लत से मुक्ति दिलवाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान पर काम कर रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से नशीली दवाओं के विरूद्ध योद्धा बनने और प्रहरी के रूप में कार्य करने का आग्रह किया।

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