भाषा एवं संस्कृति विभाग, जिला कांगड़ा द्वारा आज मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय के सभागार में बहुभाषी कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कवि गोष्ठी में जिला कांगड़ा के अनेक वरिष्ठ एवं नवोदित कवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। इस कवि गोष्ठी में हिन्दी कविता के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर वेद प्रकाश ‘अग्नि’ ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। वेद प्रकाश ने अपने सम्बोधन में कहा कि समाज को सही दिशा मे ले जाने के लिए साहित्य व काव्य का अमूल्य योगदान रहा है। सामाजिक कुरितियों को जीवन्त बनाए रखने में भी नवोदित कवियों का अहम योगदान रहा है।
कवि गोष्ठी की अध्यक्षता हिन्दी-पहाड़ी के सुप्रसिद्ध एवं वरिष्ठ साहित्यकार गौतम ‘व्यथित’ ने की व विशिष्ट अतिथि के रूप में विनय शर्मा जिला लोक सम्पर्क अधिकारी ने उपस्थिति दर्ज करवाई। इस संगोष्ठी में अनेक विषयों पर कविताएं प्रस्तुत की गई। जिनमें समाज के विभिन्न विषयों को कविताओं के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गई। कविता और ग़ज़ल में समान रूप से अपनी अभिव्यक्ति करने वाले कवि द्विजेन्द्र ‘द्विज’ ने ग़ज़ल के माध्यम से अपने भाव अभिव्यक्त किए। रमेश चन्द्र ‘मस्ताना’, आर वासुदेव प्रशांत, रेखा डढ़वाल, युगल डोगरा तथा हरि कृष्ण मुरारी ने पहाड़ी भाषा के माध्यम से अपने भाव अभिव्यक्त किए।
मनोज कुमार ने संस्कृत भाषा का सहारा लिया तो रत्न बहादुर गिरि ने नेपाली भाषा को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया। वहीं, कोलकाता के कवि कुणाल किशोर तथा अनीश कुमार ने अपनी कविता के माध्यम से आधुनिकता के चक्कर में संस्कृति भूल जाने की बात कही। प्रभात शर्मा और केवल राम ने पहाड़ के माध्यम से समाज के बदलते स्वरूप पर बात की।