<p>कोरोना काल में पहाड़ी प्रदेश में पहले ही 100 फ़ीसदी सवारियों के साथ लोग संक्रमण की ख़तरे की बीच सफ़र कर रहे है। इस बीच हिमाचल पथ परिवहन निगम की कई लापरवाही सामने आ रही है। ऐसा ही कारनामा पालमपुर से शिमला आ रही बस में सामने आया है। इस बस को मंडी पहुंचते ही सैनिटाइजेशन किया गया। इस सैनिटाइजेशन में कौन सा केमिकल इस्तेमाल किया गया सवारियां हैरान परेशान रह गई। क्योंकि स्प्रे के बाद जैसे ही सवारियां सीट में बैठी उनके कपड़ों का रंग फीका पड़ गया। यानी कि कई लोगों के कपड़े इस स्प्रे के संपर्क में आने के बाद खराब हो गए।</p>
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<p>बस में सफर कर रहे शिमला की स्वारियों का कहना है कि स्प्रे करने के बाद जैसे ही गीली सीटों पर वह बैठे आधा दर्ज़न सवारियों के कपड़ों का रंग उड़ गया। इतने मेहंगे कपड़े ख़राब हो गए उनके लिए कौन जिम्मेदार है। उनका कहना है न जाने कैसा स्प्रे था जिसने उनके कपड़े खराब हो गए। वैसे भी ब्लीचिंग पाउडर की स्प्रे की जाए और उसके संपर्क में कपड़े आ जाएं तो उनका रंग भी उड़ जाता है। तो क्या बसों को सैनिटाइज करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल किया जा रहा है?</p>
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