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पंचांग: शुरू करें बृहस्पतिवार का व्रत, जानें इसके लाभ और व्रत के नियम

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Thursday Vrat: पंचांग के अनुसार, 2 जनवरी 2025 को बृहस्पतिवार का व्रत शुरू किया जा सकता है। यह व्रत भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है, जो मनोकामनाओं की पूर्ति और विवाह संबंधी समस्याओं के समाधान में सहायक माना जाता है। पंडित मनोज शर्मा  के अनुसार, इस व्रत को शुरू करने के लिए अनुराधा नक्षत्र और शुक्ल पक्ष की तिथि शुभ होती है, लेकिन पौष मास में नए व्रत की शुरुआत न करें। जो लोग पहले से व्रत कर रहे हैं, वे इसे जारी रख सकते हैं।

व्रत के दौरान, प्रातः स्नान के बाद संकल्प लें और भगवान विष्णु तथा बृहस्पति देव की पूजा करें। पीले वस्त्र, फूल, केले और केले के पत्ते अर्पित करें। व्रत कथा पढ़ें और भगवान विष्णु की आरती करें। व्रत के दिन, नमक रहित भोजन का सेवन करें। यह व्रत 1, 3, 4, 7, या 16 बृहस्पतिवार तक या मन्नत पूरी होने तक रखा जा सकता है।

 

विवरण तिथि/समय

राष्ट्रीय मिति पौष 12, शक संवत 1946, पौष शुक्ल, तृतीया, बृहस्पतिवार, विक्रम संवत् 2081

सौर मास पौष मास प्रविष्टे 19

अंग्रेजी तारीख 02 जनवरी 2025 ई॰

सूर्य स्थिति उत्तरायण, दक्षिण गोल

ऋतु शिशिर ऋतु

राहुकाल अपराह्न 01:30 से 03:00 बजे तक

तिथि तृतीया अर्धरात्रोत्तर 01:09 बजे तक, उपरांत चतुर्थी तिथि

नक्षत्र श्रवण रात्रि 11:11 बजे तक, उपरांत धनिष्ठा नक्षत्र

योग हर्षण अपराह्न 02:58 बजे तक, उपरांत वज्र योग

विजय मुहूर्त दोपहर 02:16 से 02:58 बजे तक

निशिथ काल मध्य रात्रि 12:04 से 12:58 बजे तक

गोधूलि बेला शाम 05:43 बजे

तैतिल करण अपराह्न 01:47 बजे तक, उपरांत वणिज करण

चंद्रमा दिन रात मकर राशि में