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बैंगलोर में होगा हिमाचली रोग ग्रस्त टमाटर पौधों पर अध्यन

<p>हिमाचल के प्रमुख टमाटर उत्पादक जिला सोलन, मंडी व कुल्लू के विभिन्न क्षेत्रो में बेंगलोर से आई कृषि विशेषज्ञ की टीम ने दौरा किया। विशेषज्ञ टीम ने पिछले दो दशको से टमाटर की खेती,बीज की किस्मों ,मौसम के बदलाव के चलते बीमारियो व कीटो के फसल पर प्रभाव के सबंध में जहा&nbsp; अग्रणी किसानो से&nbsp; फीडबैक लिया वही खेतो में टमाटर की विभिन्न प्रजातियों के पोधो का गहनता से निरीक्षण भी किया । इस दौरान वह मंडी की बल्ह घाटी के राजगढ़ क्षेत्र से गम्भीर बीमारी से ग्रस्त कुछ पोधो को अध्यन हेतु अपने साथ बेंगलूर भी ले गए। टीम में टमाटर के ब्रीडर डॉ श्रीकांत अप्पा , साउथ एशिया हेड डॉ संजय पाटिल,नार्थ इंडिया इंचार्ज डॉ अब्दुल खालिद , प्रोडक्ट स्पेशलिस्ट डॉ मधुसूदन ,हिमाचल के प्रदेश प्रभारी रॉबिन शामिल थे।इस दौरान नन्हेमस कम्पनी के वितरक के.डी फार्म हाऊस के प्रबन्धक अश्वनी सैनी सहित स्थानीय विक्रेता व किसान भी उपस्तिथ रहे।</p>

<p><span style=”color:#d35400″>टमाटर में बैक्टीरियल बिल्ट प्रमुख समस्या</span></p>

<p>प्रदेश सहित मंडी जिला में टमाटर प्रमुख&nbsp; नगदी फसल है। लेकिन इस फसल में बैक्टीरियल बिल्ट बीमारी के चलते किसानो को प्रतिवर्ष करोड़ो रूपए का नुक्सान उठाना पड़ता है। जब टमाटर कि फसल तैयार होना शुरू हो जाती है तो उस दौरान मौसम में हल्के बदलाव के साथ ही यह बीमारी अपना रूप दिखाना शुरू कर देती है और पौधा एक दम से मुर्झाना शुरू हो एक-दो दिन में पूर्ण रूप से सुख जाता है जिससे फसल&nbsp; बर्बाद हो जाती है।</p>

<p><span style=”color:#d35400″>बैक्टीरियल बिल्ट प्रतिरोधी किस्मों के तीन वर्ष होंगे ट्रायल</span></p>

<p>बैक्टीरियल बिल्ट गम्भीर समस्या को देखते हुए विभिन्न क्षेत्रो में रोग से लड़ने के लिए विभिन्न प्रतिरोधी किस्मों के व्यापक स्तर पर ट्रायल देने का निर्णय लिया गया है । यह जानकारी देते हुए डॉ संजय पाटिल ने बताया हिमाचल कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से टमाटर की हाईब्रीड अवतार 7711,यूएस 920&nbsp; किस्मे प्रमाणित है और यह बेक्ट्रियल बिल्ट के प्रति सहनशील होने के चलते मंडी जिला में प्रमुखता से लगाई जा रही है।</p>

<p>वहीं यूएस 2853 किस्म भी हिमाचल कृषि विश्वविद्यालय से प्रमाणित है और यह किस्म खासकर सोलन व कुल्लू जिला में&nbsp; प्रचलित है।&nbsp; इस वर्ष यु.एस 3400 किस्म के ट्रायल मंडी जिला की बल्ह घाटी सहित कुल्लू व सोलन में भी दिए गए थे। बल्ह घाटी में पाया गया कि यह किस्म बैक्टीरियल बिल्ट के प्रति बेहद सहनशील है और इसके पोधे की&nbsp; ऊचाई मध्यम और&nbsp; फल ठोस होने के साथ वजन 100 ग्राम&nbsp; है। अगले तीन वर्ष तक इस किस्म के साथ-साथ अन्य किस्मों के&nbsp; ट्रायल व्यापक स्तर पर प्रदेश भर में किए जाएगे।</p>

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